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India Daily

असद ने 5 साल में 13000 लोगों का कराया नरसंहार, बच्चों-महिलाओं को जेल में ठूंसा, 100000 कैदियों की आपबीती सुनकर सन्न हो जाएगा दिमाग

हालांकि, जश्न के बीच, यह स्पष्ट है कि असद शासन के जेलों के असली काले अध्याय को पूरी तरह से उभारने में कई साल लग सकते हैं. अलेप्पो, होम्स, हमा और दमिश्क से रिहा हुए लोग अब स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
सीरिया में बशर अल-असद के शासन का अंत
Courtesy: Social Media

Syria Civil War: सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के बाद जश्न का माहौल है, लेकिन यह प्रक्रिया उस शासन के दौरान हुए कई भयावह घटनाओं को भी उजागर कर रही है. जैसे ही विद्रोहियों ने पहले अलेप्पो और फिर दमिश्क में कदम रखा, 100,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में रखने वाली जेलें आखिरकार खुल गईं. इन जेलों में बंद कई लोग, जिनमें महिलाए और बच्चे शामिल हैं, "गुमशुदा" व्यक्तियों में से थे, जो लोग अक्सर केवल असहमति या मामूली अपराध के कारण सरकार के खिलाफ उठ खड़े हुए थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐसे लोग थे, जिन्हें इतने लंबे समय तक दुनिया से काट दिया गया था कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि बशर ने अपने पिता हाफिज के स्थान पर शासन संभाल लिया था, जो 2000 में निधन हो गए थे. पश्चिमी मीडिया द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि जेलों से रिहा हुए महिलाएं और बच्चे डरने की बजाय विद्रोहियों को यह कह रहे हैं कि "डरो मत".इनमें से अधिकांश लोग शायद सरकार द्वारा गायब कर दिए गए थे.

जानिए क्या है पूरा मामला?

वहीं, सीरिया में सबसे कुख्यात जेल "सैयदनाया" है, जो दमिश्क के पास स्थित है. साल 2017 में इस जेल की सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया था कि यहां एक क्रीमेटोरियम (शवदाह गृह) का निर्माण हुआ था, जिसके बाद इसे 'मानव क़त्लगाह' के नाम से जाना जाने लगा. हालांकि, अब, कुछ परिवार एक दशक या उससे ज़्यादा समय के बाद फिर से मिल रहे हैं.

गार्डियन न्यूज के अनुसार, एक शख्स, रघद अल-ततारी, जो 1980 में हमा शहर पर हमले से इनकार करने के बाद जेल गए थे, अब 43 साल बाद स्वतंत्रता का स्वाद चख रहे हैं.  उसे 1980 में हाफिज के खिलाफ विद्रोह को दबाने के लिए हमा शहर पर बमबारी करने से इनकार करने पर जेल भेजा गया था.

हालांकि, खुशी के इस माहौल में, जेलों में होने वाली क्रूर यातनाओं और हत्याओं के बारे में कई भयानक बातें सामने आ रही हैं. रिपोर्टों के अनुसार, कैदियों पर जघन्य यातनाएं और हत्याएं की गईं. एक विशेष यातना को 'आयरन प्रेस' कहा गया है, जो लोगों को कुचल कर मारने के लिए इस्तेमाल किया जाता था, हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि अभी नहीं हुई है.

अभी भी कई कैदियों हाई सिक्योरिटी वाली अंडर ग्राउंड जेलों में बंद

विद्रोहियों द्वारा पहले ही कई कैदियों को मुक्त किया जा चुका है, लेकिन माना जाता है कि अब भी कई लोग हाई सिक्योरिटी वाली अंडर ग्राउंड जेलों में बंद हैं, जिन्हें खुलने में और समय लगेगा. हालांकि, जश्न के बीच, ये साफ है कि असद शासन के जेलों के असली काले अध्याय को पूरी तरह से उभारने में कई साल लग सकते हैं. अलेप्पो, होम्स, हमा और दमिश्क से रिहा हुए लोग अब आजादी का आनंद ले रहे हैं.