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India Daily

सीरिया की तबाही इजराइल को ले डूबेगी! लूटे जा रहे हैं हथियारों के भंडार, ईरान हिजबुल्लाह के साथ मिलकर रच रहा साजिश

सीरिया में चल रहे इस संकट का कोई समाधान नजर नहीं आता. दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया में बुरी तरह से टूट चुकी व्यवस्था की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. इस बीच, सीरिया के नागरिकों को निरंतर बढ़ती हुई हिंसा और अस्तित्व संकट का सामना करना पड़ रहा है.

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Edited By: Mayank Tiwari
सीरिया में बढ़ती अराजकता
Courtesy: Social Media

Syria Civil War: सीरिया में बशर अल असद के अचानक रूस जाने के बाद से देश की कानून व्यवस्था का पूरी तरह से पतन हो चुका है. हिंसा और अराजकता का आलम ये है कि जहां सशस्त्र लुटेरे हथियारों के भंडारों पर हमले कर रहे हैं, और मिलिशियाएं पूरे देश पर अपना कब्जा जमा रही हैं. इस समय सीरिया की स्थिति बहुत ही भयावह है, जहां बुनियादी आवश्यकताएं पूरी तरह से गायब हैं और नागरिकों के बीच निराशा का माहौल है.

इस बीच सीरिया से भारी मात्रा में तस्करी के हथियार लेबनान पहुंच रहे हैं, जिससे हिज़बुल्लाह जैसे गुटों को और भी ताकत मिल रही है. ईरानी धन की लगातार आपूर्ति इस समर्थन को और मजबूत बना रही है, जिससे सीरिया की स्थिति और भी जटिल हो गई है. यह हथियारों की तस्करी सीरिया के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर हिंसा को बढ़ावा दे रही है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता में इजाफा हो रहा है.

सीरिया के पतन से पूरे क्षेत्र को खतरा

सीरिया के गिरते हुए हालात न केवल देश के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत है. सीरिया में बढ़ती अराजकता और हिंसा का प्रभाव पड़ोसी देशों पर भी पड़ रहा है. इन हालातों का पूरा असर लेबनान, इराक, और जॉर्डन जैसे देशों पर भी हो सकता है. साथ ही, इसके दूरगामी प्रभाव संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों की मध्य-पूर्व नीति को भी प्रभावित कर सकते हैं.

बशर अल-असद के शासन का अंत

बशर अल-असद को हमेशा ऐसे शख़्स के रूप में याद किया जाएगा, जिसने साल 2011 में अपने शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को क्रूरता से दबाया. उनके इस फैसले के कारण सीरिया में सिविल वॉर छिड़ गया, जिसमें 5 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए और 6 लाख लोग विस्थापित होकर शरणार्थी बन गए.

बशर अल-असद ने रूस और ईरान की मदद से विरोधियों को कुचल दिया और अपना शासन बचाकर रखा. रूस ने सीरिया में ज़बरदस्त हवाई हमले का इस्तेमाल किया.