Syria Civil War: सीरिया में बशर अल असद के अचानक रूस जाने के बाद से देश की कानून व्यवस्था का पूरी तरह से पतन हो चुका है. हिंसा और अराजकता का आलम ये है कि जहां सशस्त्र लुटेरे हथियारों के भंडारों पर हमले कर रहे हैं, और मिलिशियाएं पूरे देश पर अपना कब्जा जमा रही हैं. इस समय सीरिया की स्थिति बहुत ही भयावह है, जहां बुनियादी आवश्यकताएं पूरी तरह से गायब हैं और नागरिकों के बीच निराशा का माहौल है.
इस बीच सीरिया से भारी मात्रा में तस्करी के हथियार लेबनान पहुंच रहे हैं, जिससे हिज़बुल्लाह जैसे गुटों को और भी ताकत मिल रही है. ईरानी धन की लगातार आपूर्ति इस समर्थन को और मजबूत बना रही है, जिससे सीरिया की स्थिति और भी जटिल हो गई है. यह हथियारों की तस्करी सीरिया के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर हिंसा को बढ़ावा दे रही है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता में इजाफा हो रहा है.
⚡ NOW: Syria Spirals into Chaos
— Open Source Intel (@Osint613) December 10, 2024
Syria is collapsing into lawlessness, with armed looters raiding weapon stockpiles and militias seizing control. Violence is rampant, basic necessities are nonexistent, and despair is everywhere. Smuggled weapons are flooding into Lebanon,… pic.twitter.com/UquLJaqUJ8
सीरिया के पतन से पूरे क्षेत्र को खतरा
सीरिया के गिरते हुए हालात न केवल देश के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत है. सीरिया में बढ़ती अराजकता और हिंसा का प्रभाव पड़ोसी देशों पर भी पड़ रहा है. इन हालातों का पूरा असर लेबनान, इराक, और जॉर्डन जैसे देशों पर भी हो सकता है. साथ ही, इसके दूरगामी प्रभाव संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों की मध्य-पूर्व नीति को भी प्रभावित कर सकते हैं.
बशर अल-असद के शासन का अंत
बशर अल-असद को हमेशा ऐसे शख़्स के रूप में याद किया जाएगा, जिसने साल 2011 में अपने शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को क्रूरता से दबाया. उनके इस फैसले के कारण सीरिया में सिविल वॉर छिड़ गया, जिसमें 5 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए और 6 लाख लोग विस्थापित होकर शरणार्थी बन गए.
बशर अल-असद ने रूस और ईरान की मदद से विरोधियों को कुचल दिया और अपना शासन बचाकर रखा. रूस ने सीरिया में ज़बरदस्त हवाई हमले का इस्तेमाल किया.