Syria Civil War: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है. इस चौंकाने वाले खुलासे की जानकारी रूस के विदेश मंत्रालय ने दी. असद के लंबे शासन का यह नाटकीय अंत सीरिया के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है. इन सबके बीच इजराल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सीरिया के साथ 1974 के युद्धविराम समझौते के तहत गोलान हाइट्स में एक बफर जोन पर कब्जा कर लिया है
रूस के विदेश मंत्रालय के अनुसार, बशर अल-असद ने सीरिया में जारी गृह युद्ध के बीच कई पक्षों से बातचीत के बाद इस्तीफा देने का निर्णय लिया. मंत्रालय ने कहा कि असद ने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए प्रशासन को निर्देश दिए और उसके बाद एक अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गए.
रूस ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने इन बातचीतों में हिस्सा नहीं लिया. सूत्रों के अनुसार, विद्रोही दमिश्क में दाखिल हो चुके थे, और सेना की कोई तैनाती नहीं देखी गई.
असद के इस्तीफे और दमिश्क छोड़ने की खबर के बाद राजधानी और अन्य प्रमुख शहरों में जश्न मनाया गया. दमिश्क में लोगों ने बशर अल-असद के पिता हाफिज अल-असद की मूर्तियों को गिरा दिया और उन्हें पैरों तले रौंदा.
उत्तर सीरिया के अलेप्पो में भी लोग असद के भाई बासिल और उनके पिता की मूर्तियों को तोड़ते नजर आए. वहीं, दक्षिणी सीरिया के दारा में विद्रोहियों ने एक मोटरसाइकिल पर खींचकर हाफ़िज़ अल-असद की मूर्ति को सड़कों पर घुमाया.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजरायली सेना ने सीरिया के साथ 1974 के युद्धविराम समझौते के तहत गोलान हाइट्स में एक बफर जोन पर कब्जा कर लिया है. नेतन्याहू ने कहा कि दशकों पुराना समझौता टूट गया है और सीरियाई सैनिकों ने अपनी स्थिति छोड़ दी है, जिससे इजरायल को नियंत्रण में लेना जरूरी हो गया है। इजरायल ने 1967 के मध्यपूर्व युद्ध में गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था और इसे अपने कब्जे में ले लिया था.
असद परिवार के इस्तीफे और भागने के बाद उनके महलों को भीड़ ने निशाना बनाया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दमिश्क स्थित अल-रावदा राष्ट्रपति महल में लोग घुस गए और महंगे फर्नीचर व सजावटी सामान अपने साथ ले गए. इसी तरह मुहाजरीन महल को भी लूट लिया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बशर अल-असद, उनकी पत्नी असमा और उनके दो बच्चों का वर्तमान ठिकाना अज्ञात है. विद्रोहियों की राजधानी में घुसपैठ के बीच राष्ट्रपति का इस तरह देश छोड़कर जाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं का विषय बना हुआ है.