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India Daily

स्विटजरलैंड से भारत को करारा झटका, मोस्ट फेवरेट देशों की लिस्ट से किया बाहर, अब चुकानी होगी मोटी रकम

स्विटरजरलैंड ने भारत को बड़ा झटका दिया है. दोनों देशों के बीच होने वाले टैक्स फ्री व्यापार में अब 10 प्रतिशत का टैक्स लग सकता है. भारतीय सुप्रीम कोर्ट के नेस्ले फैसले का हवाला देते हुए स्विस ने यह निर्णय लिया है. स्विस ने MFN से भारत को बाहर कर दिया है.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
MFN Switzerland
Courtesy: x

Switzerland MFN: स्विस अधिकारियों ने भारत के साथ सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र का दर्जा (MFN) प्रावधान निलंबित कर दिया है, ऐसे में दोनों देशों के बीच हुआ DTAA समझौता भी खत्म हो गया है. इसका सबसे बड़ा असर भारत में होने वाले स्विस निवेश पर पड़ सकता है. दूसरी तरफ स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों को अब टैक्स के रूप में मोटी रकम देनी पड़ सकती है. 

स्विस फाइनेंस विभाग के 11 दिसंबर के बयान से संकेत मिलता है कि यह निर्णय पिछले साल के भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है, जिसने निर्धारित किया था कि जब कोई देश OECD में शामिल होता है तो MFN क्लॉज स्वचालित रूप से सक्रिय नहीं होता है. यदि भारत ने OECD की सदस्यता से पहले कर संधि की है. भारत ने कोलंबिया और लिथुआनिया के साथ कर समझौते किए, जो OECD देशों की तुलना में विशिष्ट आय प्रकारों पर कम कर दरों की पेशकश करते हैं. दोनों देश बाद में OECD में शामिल हो गए.

अब 10 प्रतिशत टैक्स लगाएगा स्विस

2021 में, स्विट्जरलैंड ने कहा कि जब कोलंबिया और लिथुआनिया OECD में शामिल हो गए, तो समझौते के 10 प्रतिशत के बजाय MFN क्लॉज के तहत भारत-स्विट्जरलैंड कर संधि पर 5 प्रतिशत लाभांश दर लागू होगी. 1 जनवरी, 2025 से MFN दर्जे के निलंबन के बाद, स्विटजरलैंड स्विस विदहोल्डिंग टैक्स रिफंड चाहने वाले भारतीय कर निवासियों और विदेशी कर क्रेडिट का दावा करने वाले स्विस कर निवासियों के लिए लाभांश पर 10 प्रतिशत कर लगाएगा.

भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्विस ने दिया हवाला

स्विस वित्त विभाग ने आयकर पर दोहरे कराधान से बचने के संबंध में स्विटजरलैंड और भारत के बीच MFN क्लॉज प्रोटोकॉल के निलंबन की आधिकारिक घोषणा कर दी है. स्विस अधिकारियों ने MFN दर्जे को वापस लेने के लिए वेवे-आधारित नेस्ले से जुड़े एक मामले में 2023 के भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया.  इस निर्णय का अर्थ है कि स्विस अधिकारी 1 जनवरी, 2025 से स्विट्जरलैंड में भारतीय संस्थाओं द्वारा अर्जित लाभांश पर 10 प्रतिशत कर लगाएंगे.

बयान में कहा गया है कि जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2021 में एमएफएन खंड पर विचार करते हुए अवशिष्ट कर दरों की प्रयोज्यता का समर्थन किया, तो भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर, 2023 को इसे उलट दिया. यह निष्कर्ष निकालते हुए कि एमएफएन खंड आयकर अधिनियम की धारा 90 के तहत उचित अधिसूचना के बिना सीधे लागू नहीं था. नांगिया एंडरसन एमएंडए टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने टिप्पणी की कि यह एकतरफा निलंबन द्विपक्षीय संधि की गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है.