Elon Musk Cybertruck: टेस्ला की कार पर हिंदू चिन्ह लगाना बना विवाद का कारण, एलन मस्क ने लगाई फटकार
Elon Musk Cybertruck: साइबरट्रक हमले की घटना में एक अमेरिकी व्यक्ति ने वाशिंगटन एवेन्यू पर खड़ी एक यहूदी नागरिक की साइबरट्रक पर स्वस्तिक का निशान बना दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
Cybertruck Attack: अमेरिका के ब्रुकलिन शहर में एक विवादित घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने वॉशिंगटन एवेन्यू पर खड़ी एक टेस्ला साइबरट्रक पर स्वास्तिक का निशान बना दिया. यह साइबरट्रक एक यहूदी व्यक्ति की थी. इस घटना के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
दिनदहाड़े साइबरट्रक पर बना स्वास्तिक
'न्यूयॉर्क पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरी घटना को एक पत्रकार ने अपनी आंखों से देखा. यह घटना उस समय हुई जब आरोपी ने सड़क पर खड़ी टेस्ला साइबरट्रक देखी और अपनी सुबारू कार से उतरकर उस पर स्वास्तिक बना दिया. यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई.
वीडियो वायरल, मस्क ने किया कमेंट
बता दें कि इस घटना का वीडियो 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर कोलिन रग नाम के यूजर ने पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ''NYC में एक यहूदी व्यक्ति की साइबरट्रक पर स्वास्तिक बनाने के बाद वामपंथी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. उसने अपनी कार से उतरकर यह किया और फिर घटनास्थल से भाग गया, लेकिन जब वह वापस लौटा तो पुलिस उसे पहले से ही पकड़ने के लिए तैयार थी.'' इस पोस्ट पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी प्रतिक्रिया दी. मस्क ने लिखा, ''पागल लोग. स्वाभाविक रूप से, वह सुबारू चलाते हैं...'' उनका यह कमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
रिपोर्ट के मुताबिक, यह टेस्ला साइबरट्रक एवी बेन हामो नाम के यहूदी व्यक्ति की थी. उन्होंने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि वह इस घटना से अंदर तक आहत हुए हैं. जब आरोपी स्वास्तिक बना रहा था, तब हामो ने उसे रंगे हाथ पकड़ने की कोशिश की और तुरंत पुलिस को सूचना दी. आरोपी अपनी गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था, लेकिन 90 मिनट बाद जब वह वापस लौटा तो उसे चार पुलिस अधिकारियों ने पकड़ लिया. आरोपी की पहचान 42 वर्षीय माइकल लुईस के रूप में हुई है, जिस पर पहले से ही गंभीर उत्पीड़न के आरोप दर्ज हैं. साथ ही आरोपी को पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया.
सोशल मीडिया पर मिली तीखी प्रतिक्रियाएं
हालांकि, यह घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं. कई लोगों ने इसे नफरत फैलाने वाला कृत्य बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण हरकत करार दिया.
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