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अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स, स्पेसक्राफ्ट के लौटने पर सस्पेंस, अब क्या होगा?

स्टारलाइनर से नासा के अंतरिक्ष यात्रियों बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने 5 जून को उड़ान भरी थी. अब ये सवाल उठने लगे हैं कि ये दोनों कब अंतरिक्ष से धरती पर बापस लौटेंगे. अंतरिक्ष यान की वापसी पहले 26 जून को निर्धारित की गई थी, जिसे अब आगे बढ़ा दिया गया है.

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Edited By: India Daily Live
boeing starliner
Courtesy: Social Media

नासा के एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंस गए हैं. यात्रियों को लेकर गई बोइंग स्टारलाइनर में कुछ खराबी आई है. इसलिए वापसी स्थगित कर दी गई है. नासा की ओर से अगली कोई तारीख नहीं बताई गई है. स्टारलाइनर से नासा के अंतरिक्ष यात्रियों बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने 5 जून को उड़ान भरी थी. अब ये सवाल उठने लगे हैं कि ये दोनों कब अंतरिक्ष से धरती पर बापस लौटेंगे. अंतरिक्ष यान की वापसी पहले 26 जून को निर्धारित की गई थी.  

नासा ने 2019 के बाद इसे बिना किसी यात्री के स्पेस में भेजा गया. इसके थ्रस्टर्स को पांच विफलताओं और पांच हीलियम रिसाव का सामना करना पड़ा है. ये तीसरा मौका है जब विलियम्स और विल्मोर की वापसी को टाला गया है. पहली घोषणा 9 जून को की गई थी, जिसमें बताया गया था कि लैंडिंग को 18 जून तक आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके बाद वापसी को बढ़ाकर 22 जून किया गया. इससे अब ये डर पैदा हो रहा है कि क्या ये स्पेस यात्रियों को वापस ला पाएगा? क्या इसमें आना सेफ होगा?

कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए 4.5 बिलियन डॉलर के नासा डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट के अलावा लागत में वृद्धि पर 1.5 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. स्टारलाइनर मिशन बुधवार 5 जून को रात 8:22 बजे लॉन्च हुआ था. इसमें रिएक्शन कंट्रोल में परेशानी आ रही है.  

बोइंग के स्टारलाइनर में कई समस्याएं

बोइंग का स्टारलाइनर मिशन वर्षों से सॉफ्टवेयर गड़बड़ियों, डिजाइन समस्याओं और उपठेकेदारों के विवाद से जूझ रहा है. स्टारलाइनर 6 जून को डॉक करने के लिए स्पेस स्टेशन के करीब पहुंचा तो थ्रस्टर फेलियर देखा गया. इसके बाद अतंरिक्ष यात्री इसमें नहीं सवार हुए. जब ये ठीक किया गया तब इसे लॉन्च किया गया. स्टारलाइनर को अब धरती पर लौटना है. 

क्या कर रहे हैं नासा के वैज्ञानिक

नासा वैज्ञानिकों का कहना है कि वे स्टारलाइनर की लगभग छह घंटे की वापसी यात्रा शुरू करने से पहले सभी कमियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है. उनका कहना है कि थ्रस्टर फेलियर, वाल्व समस्या और हीलियम रिसाव के कारणों को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं.