Sunita Williams Return: नासा की विश्वसनीय एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे लंबा समय बिताने वाली महिलाओं में अपनी जगह बनाई है. भारतीय मूल की इस अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ने अपनी शानदार यात्रा के दौरान कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं. उनके नाम सबसे अधिक स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. सुनीता का सफर भारतीय जड़ों से नासा तक प्रेरणादायक है. वे आज भी युवा वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं.
बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं. उनके साथ क्रू-9 के दो अन्य सदस्य निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी वापस आए. इनका स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 19 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा तट पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ.
#WATCH | Being stranded at the International Space Station for 9 months, Sunita Williams is back on Earth with a smile
— ANI (@ANI) March 18, 2025
Today, NASA's SpaceX Crew-9 - astronauts Nick Hague, Butch Wilmore, Sunita Williams, and Roscosmos cosmonaut Aleksandr Gorbunov returned to Earth after the… pic.twitter.com/mdZIQTG4SN
वहीं, 1650 डिग्री सेल्सियस तापमान और 7 मिनट का ब्लैकआउटचारों अंतरिक्ष यात्री 18 मार्च को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए थे. जब उनका स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था, तब इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया, जिससे लगभग 7 मिनट तक कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा. 17 घंटे लंबा सफरसुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 17 घंटे की लंबी यात्रा के बाद धरती पर वापसी की. भारतीय समयानुसार सुबह 3:30 बजे फ्लोरिडा के तट पर उनकी लैंडिंग हुई.
मेक्सिको की खाड़ी में स्पलैशडाउनस्पेसएक्स कैप्सूल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन छोड़ने के कुछ घंटों बाद 19 मार्च, 2025 को मेक्सिको की खाड़ी में पैराशूट की मदद से सफलतापूर्वक लैंडिंग की. यह स्पलैशडाउन फ्लोरिडा के तल्हासी तट पर हुआ. नासा ने इस ऐतिहासिक लैंडिंग का वीडियो भी जारी किया है.
5 जून को अंतरिक्ष गई थीं NASA की सबसे भरोसेमंद एस्ट्रोनॉट
बहरहाल, 5 जून 2024 को रवाना हुई थीं सुनीता विलियम्ससुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 5 जून, 2024 को बोइंग स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे. हालांकि, यह मिशन सिर्फ एक सप्ताह का था, लेकिन ISS में तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी लगातार टलती रही. नासा ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्टारलाइनर को खाली रखा और अंतरिक्ष यात्रियों को स्टेशन पर ही रहने का निर्णय लिया. फरवरी में होनी थी वापसीअंतरिक्ष यान की तकनीकी दिक्कतों के कारण उनकी वापसी इस साल फरवरी तक के लिए टाल दी गई थी. आखिरकार, 9 महीने बाद उनका सफल मिशन पूरा हुआ और वे सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए.