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Video: 'शेरनी' ने पृथ्वी पर रखा कदम, गर्व से झूम उठा भारत, क्या आपने देखी सुनीता विलियम्स की लैंडिंग?

Sunita Williams Return Landing Video: सुनीता विलियम्स धरती पर आ चुकी हैं. 9 महीने तक अंतरिक्ष की दुनिया में बिताने के बाद स्पेसएक्स और नासा के क्रू 9 मिशन से उनकी पृथ्वी पर वापसी संभव हो सकी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
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Courtesy: Social Media

Sunita Williams Return Landing Video: सुनीता विलियम्स ने पृथ्वी पर कदम रख दिया है. भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3 बजकर 30 मिनट के आसपास उनकी फ्लोरिडा के तट पर सफल लैंडिंग हुई. उनकी लैंडिंग का वीडियो भी सामने आया है. सुनीता विलियम्स उनके साथी बुच विल्मोर और क्रू 9 मिशन के सदस्य निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी थे. इन अंतरिक्ष यात्रियों ने फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित रूप से लैंड किया और इस दौरान उनका स्वागत भी हुआ. पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर उन्हें भारत आने का न्यौता दिया है. उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा कि भारत को आप जैसी बेटियों पर गर्व हैं. 

पृथ्वी के वायुमंडल में जब स्पेसएक्स के स्नैपड्रगन ने किया प्रवेश

स्पेसएक्स क्रू-9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने जब पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश किया, तो उन्होंने तेज गति से वातावरण को पार किया. इसके बाद, ड्रोग और मुख्य पैराशूटों को खोला गया, जिससे यान का धीमा और सुरक्षित लैंडिंग हुआ. यह लैंडिंग फ्लोरिडा के तल्हासी के पास हुई, और यान 5:57 बजे (भारत समय अनुसार 3:30 AM IST) समुद्र में उतरा.

सुनीता विलियम्स का डॉल्फिन ने किया स्वागत

स्पेसएक्स क्रू-9 की लैंडिंग के बाद, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक अप्रत्याशित आश्चर्य था. उन्हें समुद्र में डॉल्फिन का झुंड देखने को मिला, जो इस ऐतिहासिक लैंडिंग के दौरान उनके साथ तैरता हुआ दिखाई दिया. यह दृश्य निश्चित रूप से एक यादगार पल बन गया.

जब अंतरिक्ष यान की लैंडिंग हो गई, तो रिकवरी टीमों ने आकर अंतरिक्ष यात्रियों को यान से बाहर निकाला. यह प्रक्रिया उन सभी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सामान्य होती है, जो लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहते हैं. इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है और वे स्वस्थ रूप से पृथ्वी पर लौटते हैं.

नौ महीने अंतरिक्ष में गुजारा

सुनीता विलियम्स और बूट विलमोर का मिशन बहुत ही अनोखा था. इन दोनों को जिस मिशन के लिए भेजा गया था, वह केवल कुछ दिनों का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें अंतरिक्ष में लगभग नौ महीने बिताने पड़े. इनका प्रारंभिक मिशन बोइंग के स्टारलाइनर यान को टेस्ट करना था, लेकिन यान में प्रोपल्शन की समस्या आ गई और इन्हें वापस लाने का कोई तरीका नहीं था.