अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स 16 बार बोलेंगी HAPPY NEW YEAR 2025, जानें क्या है इसके पीछे का पूरा विज्ञान?
1 January 2025 HAPPY NEW YEAR: नए साल का आगाज हो चुका है. दुनिया में जश्न का माहौल है. पृथ्वी पर तो हम नए साल पर 24 घंटे में एक बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखेंगे लेकिन अंतरिक्ष की दुनिया बिल्कुल ही अलग है. इस समय सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में मौजूद हैं. वहां का नजारा बिल्कुल ही अलग है.
1 January 2025 HAPPY NEW YEAR: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जो इस समय वहां कार्यरत हैं, नए साल 2025 तक पृथ्वी पर कुल 16 सूर्योदय देखेंगे. यह अद्वितीय अनुभव उनके लिए रोमांचक है, क्योंकि उन्हें हर दिन एक नया सूर्योदय और सूर्यास्त देखने का अवसर मिलता है.
एक ओर पूरी दुनिया ने नए साल का जश्न मना रही है तो दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथियों के साथ इस खास पल को 16 बार एंजॉय करेंगे. 1 जनवरी 2025 को पृथ्वी पर एक ही बार सूरज उगेगा और अस्त होगा लेकिन इंटरनेशनल स्पे स्टेशन पर एक दिन में 16 बार सन राइज और सनसेट होता है.
सुनीता विलियम्स, जो "एक्सपेडिशन 72" मिशन की कमांडर हैं, अपने सहकर्मियों के साथ ISS पर रहकर हर दिन करीब 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देख रही हैं. यह संख्या इस आधार पर तय की गई है कि ISS पृथ्वी के चारों ओर लगभग 15.5 बार प्रति दिन चक्कर लगाता है. ISS की गति लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटा (17,500 मील प्रति घंटा) है और यह 400 किलोमीटर (250 मील) की ऊंचाई पर स्थित है. एक पूरा चक्कर लगभग 90 मिनट में पूरा होता है, जिससे अंतरिक्ष यात्री हर कुछ समय में नया सूर्योदय और सूर्यास्त देख सकते हैं.
सुनीता विलियम्मस के साथ ये लोग ISS पर मना रहे न्यू ईयर का जश्न
सुनीता विलियम्स, इस मिशन में शामिल अन्य अंतरिक्ष यात्री जैसे अलेक्सी ओवचिनिन, बूटच विलमोर, इवान वेगनर, डॉन पेटिट, अलेक्जेंडर गोर्बुनोव और निक हैग के साथ ISS पर हैं. यह मिशन अंतरिक्ष में एक विशेष अनुभव प्रदान करता है, क्योंकि इनमें से कुछ अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने से पहले कई माह ISS पर रहेंगे.
सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से दूर, ISS पर बीते कई महीनों से ही फंसे हैं. नासा उनकी वापसी पर काम कर रहा है. पहले उन्हें जनवरी 2025 में वापस आना था, लेकिन अब NASA ने घोषणा की है कि वे मार्च 2025 तक वापस नहीं आएंगे. यह देरी बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी समस्याओं के कारण हुई है.