पाकिस्तान सेना ने गुरुवार को दावा किया कि खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिण वजीरिस्तान जिले में फ्रंटियर कोर कैंप के पास हुए एक आत्मघाती बम हमले के बाद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े संदिग्ध 10 आतंकियों को मार गिराया गया. यह जानकारी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दी.
हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ाया
सुरक्षा बलों के अनुसार, आतंकियों ने जंडोला चेकपोस्ट पर हमला करने की कोशिश की थी. इस दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने वाहन में खुद को विस्फोट से उड़ा दिया, जो फ्रंटियर कोर कैंप के नजदीक हुआ. इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को और गहरा कर दिया है.
क्या बोले गृह मंत्री
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि देश अपनी सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने इस हमले को देश की शांति के खिलाफ एक और साजिश करार दिया.
हाल के दिनों में बढ़ते हमले
यह आत्मघाती हमला हाल ही में हुए एक अन्य बड़े हमले के कुछ ही दिनों बाद हुआ है. मंगलवार को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया था, जिसमें 440 यात्री सवार थे. यह हमला गुडालर और पीरू कुंरी के पहाड़ी इलाकों में हुआ था.
2024 में आतंकवाद का बढ़ता ग्राफ
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 2024 में आतंकवाद से जुड़ी मौतों में 45% की भारी बढ़ोतरी हुई. 2023 में जहां यह संख्या 748 थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 1,081 हो गई. यह वृद्धि वैश्विक स्तर पर सबसे तेज बढ़ोतरी में से एक है, जिसके चलते पाकिस्तान आतंकवाद प्रभावित देशों की सूची में चौथे से दूसरे स्थान पर पहुंच गया.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि टीटीपी द्वारा किए गए हमलों की संख्या 2024 में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जबकि इस समूह के कारण होने वाली मौतें 2011 के बाद सबसे ज्यादा रहीं.
बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा सबसे प्रभावित
बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा, जो अफगानिस्तान से सटी सीमाओं वाले प्रांत हैं, आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे. 2024 में पाकिस्तान में हुए 96% से अधिक आतंकी हमले और मौतें इन्हीं दो प्रांतों में दर्ज की गईं.
हालिया हमले का एक और उदाहरण
6 मार्च को उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के बन्नू में मुख्य छावनी की बाहरी दीवार पर दो विस्फोटक से लदे वाहनों ने टक्कर मार दी थी. इस हमले में नौ लोग मारे गए और 16 घायल हो गए. सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई में कम से कम छह आतंकियों को ढेर कर दिया था.