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India Daily

साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सूक योल पर महाभियोग का चाबुक, पद से हटाए गए, प्रधानमंत्री के हाथ में गई जिम्मेदारी

साउथ कोरिया में राजनीतिक संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब देश के राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग चलाकर पद से हटा दिया गया है. इस दौरान देश के प्रधानमंत्री को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
South Korea President Yoon Suk Yol
Courtesy: X

South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक योल पर मार्शल लॉ लागू करने के लिए महाभियोग चलाया गया. संसद ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया है, जिसके बाद प्रधानमंत्री हान डक-सू को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया है. यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया के राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जहां राष्ट्रपति के खिलाफ राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया.

यून सूक योल पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान असंवैधानिक तरीके से मार्शल लॉ लागू किया, जिससे देश में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया. विपक्षी दलों का आरोप है कि उन्होंने नागरिक स्वतंत्रताओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ कार्य किया. महाभियोग के प्रस्ताव को पारित करने के बाद, संसद ने यून को पद से हटा दिया, जिसके बाद प्रधानमंत्री हान डक-सू ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.

महाभियोग प्रस्ताव के लिए 204 सांसदों का समर्थन

महाभियोग प्रस्ताव 204 सांसदों के समर्थन से पारित हुआ, जबकि हजारों प्रदर्शनकारी सियोल में संसद भवन के बाहर एकत्र हुए थे, बैनर लहरा रहे थे और यूं को हटाने की मांग को लेकर नारे लगा रहे थे.

यून को पद से निलंबित किए जाने के बाद, प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका संभालेंगे. अब, दक्षिण कोरिया का संवैधानिक न्यायालय यून के भविष्य पर विचार-विमर्श करेगा और 180 दिनों के भीतर फैसला सुनाएगा. यदि न्यायालय उनके निष्कासन का समर्थन करता है, तो यून दक्षिण कोरियाई इतिहास में दूसरे राष्ट्रपति बन जाएंगे, जिन पर सफलतापूर्वक महाभियोग चलाया जाएगा.

पिछले सप्ताह, यून महाभियोग प्रस्ताव से बच गए तथा सत्ता में बने रहे, जबकि मार्शल लॉ लागू करने के उनके प्रयास विफल होने के बाद उनसे पद छोड़ने की मांग बढ़ रही थी. संकटग्रस्त यून ने "अंतिम क्षण तक" लड़ने की कसम खाई थी और इस निराधार दावे पर जोर दिया था कि दक्षिण कोरियाई विपक्ष देश के साम्यवादी दुश्मनों के साथ मिला हुआ है.

विपक्ष राष्ट्रपति पर हमलावर

मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने दिन में पहले कहा था कि महाभियोग के लिए मतदान ही "संविधान, कानून के शासन, लोकतंत्र और दक्षिण कोरिया के भविष्य की रक्षा" करने का "एकमात्र तरीका" है. प्रवक्ता ह्वांग जंग-आ ने कहा, "हम अब यूं के पागलपन को बर्दाश्त नहीं कर सकते."