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India Daily

South Korea Forest fire: 1300 साल पुराने बौद्ध मंदिर को लील गई साउथ कोरिया के जंगल में लगी आग, 19 लोगों की मौत

दक्षिण कोरिया में जंगल की आग ने 19 लोगों की जान ले ली और 1300 साल पुराना गौनसा बौद्ध मंदिर जलकर राख हो गया. 10,000 से अधिक लोग आग बुझाने में जुटे हैं.

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Edited By: Anvi Shukla
south korea 1300 year old buddhist temple destroyed
Courtesy: social media

South Korea Buddhist Temple Destroyed: दक्षिण कोरिया में हालिया जंगल की आग ने देश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में भारी तबाही मचाई है. आग की चपेट में आकर अब तक कम से कम 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 19 लोग घायल हो गए हैं. यह आग कुछ ही दिनों में इतनी भयानक हो गई कि यह ऐतिहासिक स्थलों को भी अपनी चपेट में ले चुकी है, जिनमें से एक प्रसिद्ध 1300 साल पुराना बौद्ध मंदिर भी शामिल है. इस घटना ने पूरे देश को चौकां दिया है.

बुधवार को एक हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की खबर आई. यह हेलिकॉप्टर उस आग को बुझाने में लगा हुआ था, जो उइसोंग काउंटी में फैल गई थी. हेलिकॉप्टर का पायलट इस हादसे में मारा गया. इससे न केवल बचाव कार्यों में रुकावट आई, बल्कि स्थिति भी और गंभीर हो गई. इस घटना के बाद, दक्षिण कोरिया ने सभी फायरफाइटिंग हेलिकॉप्टरों को जमींन पर उतारने का आदेश दे दिया है.

ऐतिहासिक गौनसा मंदिर जलकर हुआ खाक

उइसोंग काउंटी में स्थित 1300 साल पुराना गौनसा बौद्ध मंदिर, जो एक ऐतिहासिक धरोहर था, अब पूरी तरह जलकर राख हो चुका है. हालांकि, मंदिर की घंटी को कुछ हद तक सुरक्षित पाया गया. यह घंटी आग से बची हुई एकमात्र चीज है. इस आग ने न सिर्फ इस मंदिर को बल्कि कई अन्य धार्मिक स्थलों को भी खतरे में डाल दिया है.

आग के बढ़ते प्रभाव से कई बहुमूल्य कला-संस्कृतियों और धरोहरों को नुकसान हुआ, हालांकि कुछ महत्वपूर्ण मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों को पहले ही अन्य मंदिरों में सुरक्षित स्थानों पर ट्रांस्फर कर दिया गया था. 

आग पर काबू पाने में 10,000 से ज्यादा लोग जुटे

दक्षिण कोरिया सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए 10,000 से अधिक फायरफइटर्स, पुलिस और सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया है. इन कर्मियों ने कड़ी मेहनत करते हुए आग को फैलने से रोकने की कोशिश की है. लेकिन अब तक आग ने 17,398 हेक्टेयर (43,000 एकड़) से अधिक जंगल को अपनी चपेट में लिया है.

प्रधानमंत्री की अपील: 'हमारी पूरी ताकत झोंकनी होगी'

दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक-सू ने इस आग को 'अनप्रेडिक्टेबले और विनाशकारी' बताया. उन्होंने कहा कि यह आग पिछले कई वर्षों में सबसे भयंकर थी और इसने बहुत नुक्सान पहुंचाया है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें इस हफ्ते के बाकी समय में अपनी पूरी ताकत आग बुझाने में लगानी होगी, क्योंकि हम इस समय बहुत गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं.'

दक्षिण कोरिया में इन दिनों तेज हवाओं और ड्राई मौसम के कारण आग के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये आग पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन सकती है और संकट को और भी बढ़ा सकती है. कई लोग यह भी डर रहे हैं कि आग के कारण आने वाले दिनों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी सामने आ सकती हैं.