Slovakia PM Attack Inside Story: स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको बुधवार को एक पब्लिक मीटिंग में थे. इसी दौरान एक हमलावर ने उन्हें गोली मार दी. घटना के बाद घायल रॉबर्ट फिको को अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. उधर, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने हमलावर को दबोच लिया है. फिलहाल, पुलिस हमलावर से पूछताछ कर रही है. इस बीच स्लोवाकिया के पीएम पर हमले की इनसाइड स्टोरी सामने आई है.
फिलहाल, स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको के हेल्थ को लेकर लेटेस्ट अपडेट सामने नहीं आई है. कहा जा रहा है कि उन्हें बंस्का बायस्ट्रिका के एक ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया गया है. स्लोवाकिया के पीएम पर हमले की सबसे बड़ी वजह ये है कि रूस के हमले के बीच यूक्रेन को हथियार सप्लाई का विरोध किया था. कहा जा रहा है कि इसी वजह से उन्हें 71 साल के हमलावर ने अपने लाइसेंसी बंदूक से निशाना बनाया है.
1986 में स्वीडेन के प्रधानमंत्री ओलाफ पाल्मे की गोली मारकर हत्या की घटना के बाद यूरोप में किसी देश के मुखिया पर हमले का ये पहला मामला है. रॉबर्ड फिको स्लोवाकिया के तीसरे बार के प्रधानमंत्री हैं. दरअसल, स्लोवाकिया और यूक्रेन की सीमा आपस में जुड़ती हैं. कई पश्चिमी देशों ने स्लोवाक एरिया के जरिए यूक्रेन को हथियार मुहैया करा चुके हैं, जिसका रॉबर्ट फिको ने विरोध किया था.
रूस-यूक्रेन युद्ध के ताजा हालातों के बारे में अपडेट है कि यूक्रेन का समर्थन कर रहे नाटो देशों के पास हथियारों की कमी हो गई है. वहीं यूक्रेन के पास भी जरूरी सैनिक नहीं है. यूक्रेन की सेना किसी भी स्तर पर रूस का मुकाबला नहीं कर पा रही है. दो साल पहले जब यूक्रेन पर रूस का हमला हुआ था, तब अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों का मानना था कि उनकी ओर से यूक्रेन को मुहैया कराई गई हथियार से रूसी सेना परास्त हो जाएगी. पश्चिमी देशों का ये भी मानना था कि उनकी ओर से लगाए गए प्रतिबंध से रूस की अर्थव्यवस्था भी तबाह हो जाएगी.
हालांकि, पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को उपलब्ध कराए गए हथियार और पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए बैन के बावजूद रूस की सेहत पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा है. अब रूस और यूक्रेन जंग के बीच स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर हमले के बाद स्पेशलिस्ट इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं. उनका मानना है कि इस घटना के बाद यूरोप में जंग के हालात बढ़ सकते हैं.