बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस कार्यभार संभाल लिया है. उन्होंने पहली बार शेख हसीना को लेकर बयान दिया है. पूर्व पीएम शेख हसीना के भारत में शरण लेने पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लिए अच्छा नहीं है. यूनुस ने कहा कि हसीना का भारत से राजनीतिक टिप्पणी करना ठीक नहीं है और जब तक ढाका उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं करता, तब तक दोनों देशों को असुविधा से बचाने के लिए उन्हें चुप रहना चाहिए.
उन्होंने ढाका में अपने सरकारी आवास पर समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि यदि भारत हसीना को तब तक अपने पास रखना चाहता है जब तक बांग्लादेश (सरकार) उसे वापस नहीं बुला लेती, तो शर्त यह होगी कि उसे चुप रहना होगा. हसीना को ढाका में कई हफ़्तों तक चले हिंसक छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद पद छोड़ना पड़ा. शुरू में माना जा रहा था कि वह कुछ घंटों के लिए यहां आई हैं, लेकिन ब्रिटेन जैसे कुछ देशों द्वारा शरण देने से इनकार किए जाने के बाद यह योजना बदल गई.
शेख हसीना पर बांग्लादेश में कई केस दर्ज किए गए हैं. मुहम्मद यूनुस ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश भारत के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देता है. उन्होंने कहा कि भारत में कोई भी उनके रुख से सहज नहीं है, क्योंकि हम उन्हें बांग्लादेश वापस लाना चाहते हैं. वह भारत में हैं और कभी-कभी बोलती हैं, जो कि हमारे लिए अच्छा नहीं है. अगर वह चुप रहतीं, तो हम इसे भूल जाते; लोग भी इसे भूल जाते, क्योंकि वह अपनी दुनिया में होतीं, लेकिन भारत में बैठकर वह बोल रही हैं और निर्देश दे रही हैं. यह किसी को पसंद नहीं है.
यूनुस जाहिर तौर पर 13 अगस्त को हसीना के उस बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा था कि हाल ही में हुए 'आतंकवादी कृत्यों', हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की जांच होनी चाहिए, उनकी पहचान होनी चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए.
मुहम्मद यूनुस कहा, हर कोई इसे समझता है. हमने दृढ़ता से कहा है कि उन्हें चुप रहना चाहिए. यह हमारे प्रति अमित्रतापूर्ण व्यवहार है. उन्हें वहां शरण दी गई है और वह वहीं से चुनाव प्रचार कर रही हैं. ऐसा नहीं है कि वह सामान्य तरीके से वहां गई हैं. वह लोगों के विद्रोह और जनाक्रोश के बाद वहां से भागी हैं. यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार बांग्लादेश के लोगों को अत्याचारों के खिलाफ न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, और न्याय के लिए यह आवश्यक है कि उसे देश में वापस लाया जाए.
मुहम्मद यूनुस ने जोर देकर कहा कहा कि शेख हसीना को उनके और उनके शासन द्वारा किए गए सभी अपराधों और भ्रष्टाचार के लिए बांग्लादेश के कानून का सामना करना होगा. बांग्लादेश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए, भारत को उनकी बांग्लादेश वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए.