menu-icon
India Daily

'एक इमारत तोड़ सकते हो लेकिन याद रखना...', ढाका में पिता का घर तोड़े जाने पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया

शेख मुजीबुर रहमान का घर बांगलादेश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यही वह स्थान था जहां मुजीब ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता की दिशा में अपनी लड़ाई शुरू की थी. बांगलादेश के विभाजन से पहले यह घर मुजीब की स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र बन चुका था.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Sheikh Hasina reaction on demolition of father Sheikh Mujibur Rahman house in Dhaka

बांगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में अपने पिता, शेख मुजीबुर रहमान के घर और स्मारक को तोड़े जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने उपद्रवियों से सवाल किया कि वे इतना डर क्यों महसूस कर रहे थे. शेख हसीना ने इस घटना को लेकर कहा कि "इतिहास अपनी प्रतिशोध की भूमिका निभाता है" और उन विरोधियों को यह याद रखना चाहिए.

शेख मुजीबुर रहमान के घर पर हमला
ढाका के धनमोंदी 32 क्षेत्र में स्थित शेख मुजीबुर रहमान का घर, जिसे अब बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया था, एक विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़ा गया और उसमें आग लगा दी गई. यह घटना उस समय घटी जब शेख हसीना एक लाइव संबोधन दे रही थीं, जिसे ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा था. विरोध प्रदर्शन को "बुलडोजर जुलूस" नाम दिया गया था, जिसमें प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर रहमान के घर के सामने एकत्र हुए थे और तोड़फोड़ की.

शेख हसीना की तीखी प्रतिक्रिया
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शेख हसीना ने कहा, "वे अब तक राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और हमारी स्वतंत्रता को जो लाखों शहीदों की बलि के बाद हासिल हुई है, एक बुलडोजर से नहीं नष्ट कर सके. वे एक इमारत तो तोड़ सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं. लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपनी प्रतिशोध की भूमिका निभाता है." उन्होंने सवाल किया, "आज इस घर को क्यों तोड़ा जा रहा है? इसने क्या अपराध किया था? वे इस घर से इतना डर क्यों महसूस कर रहे थे?"

शेख मुजीबुर रहमान का घर और उसकी ऐतिहासिक अहमियत
शेख मुजीबुर रहमान का घर बांगलादेश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यही वह स्थान था जहां मुजीब ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता की दिशा में अपनी लड़ाई शुरू की थी. बांगलादेश के विभाजन से पहले यह घर मुजीब की स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र बन चुका था. इसके बाद, जब ऐवामी लीग की सरकार आई, तो इस घर को स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया, और यहां विदेशी नेताओं की यात्राएं भी होती थीं.

शेख हसीना ने कहा कि उन्होंने और उनके एकमात्र जीवित भाई ने अपने पैतृक घर को एक सार्वजनिक ट्रस्ट को दान कर दिया था और इसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में बदल दिया था, क्योंकि उनके पिता को "बंगबंधु" (बंगाल का मित्र) के नाम से जाना जाता था, और उन्होंने पाकिस्तान से स्वायत्तता के लिए आंदोलन किया था.

विरोध और राजनीतिक संकट
बांगलादेश में इन दिनों राजनीतिक संकट और उपद्रव की स्थिति है, खासकर तब से जब शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था और मुहम्मद युनुस ने सरकार की बागडोर संभाली थी. विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग ऐवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे थे और कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने बांगलादेश के राष्ट्रीय ध्वज और ध्वनिमाला को बदलने की बात की थी. शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान के घर को तोड़े जाने की यह घटना बांगलादेश के राजनीतिक और ऐतिहासिक संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है.