सदमे में शहबाज शरीफ, फिदायीन हमले के बाद चीन से समाने गिड़गिड़ाना पड़ा

खैबर पख्तूनख्वा में हुए एक आत्मघाती हमले में 5 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई. इससे चीन बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करें.

India Daily Live

Pakistan News: पाकिस्तान के पीएम  शहबाज शरीफ सदमे में हैं. उन्हें चीन की कार्रवाई का डर सता रहा है. खैबर पख्तूनख्वा में हुए एक आत्मघाती हमले में 5 चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई. इससे चीन बौखलाया हुआ है. चीन शहबाज सरकार पर जल्द से जल्द इसके दोषियों के खिलाफ एक्शन की मांग रहा है. इससे पाकिस्तान भारी दबाव में है. 

इस मामले में सफाई देने के लिए खुद पीएम शहबाज शरीफ अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ चीन के दूतावास में पहुंचे और दुख जताया. ऐसा कम ही होता है जब किसी देश का अपने ही मुल्क में बने दूसरे राष्ट्र के दूतावास में इस तरह सफाई देने जाए. लेकिन शहबाज पहुंचे और उनके साथ कैबिनेट के कई और मंत्री भी थे. शहबाज शरीफ ने चीनी दूतावास में कहा कि आप राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हमारे संदेश कहें और बताएं कि हम इस हमले से बेहद दुखी हैं. 

पाकिस्तान में चीनी कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ा

शहबाज शरीफ भरोसा दिया कि हम इस मामले की हाई लेवल जांच कराएंगे और दोषियों को कड़ी सजा देंगे. पाकिस्तान सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर है.  इस हमले ने पाकिस्तान में रह रहे चीनी कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो विभिन्न प्रोजेक्ट्स में लगे हुए हैं. अगर हालात नहीं सुधरे तो चीन कोई कड़ी कार्रवाई कर सकता है. 

पहले भी होते रहे हमले

बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमला हुआ. 2021 में एक हमले में 9 चीनी नागरिकों को मौत हो गई थी. ये अटैक कराची यूनिवर्सिटी में हुआ था. इन हमलों से पाकिस्तान को डर है कि दोनों देश के बीच दोस्ती पर असर पड़ेगा. चीन पाकिस्तान में कई बड़े प्रोजेक्ट को फाइनेंस कर रहा है. हथियार से लेकर सड़क तक सब कुछ चीन के रहम पर बने रहे हैं. ऐसे में अगर दोस्ती बिगड़ती है तो पाकिस्तान को इसका भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. 

इकनॉमिक कॉरिडोर

चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के नाम पर पाक में बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, लेकिन बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे प्रातों के लोगों का मानना है कि हमारे संसाधनों का ये दोहन है. हमारे जमीन पर कब्जा कर के हमें ही यहां से भगाया जा रहा है.  इसी के चलते ऐसे हमले होते रहे हैं. कई बार इस तरह के हमलों में बलूच संगठनों का हाथ सामने आया है.