भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की हर कीमत पर बदला लेने की कसम खाई है. इस हमले में 28 लोगों की मौत हो गई थी. हमले के जवाब में पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान को पता है कि अगर भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द किया तो वह प्यासा मर जाएगा. पाकिस्तान की 90 प्रतिशत कृषि अर्थव्यस्था सिंधु नदी के पानी के सहारे चलती है.
जल युद्ध छेड़ रहा भारत
यह कायरतापूर्ण कदम
पाकिस्तान ने कहा कि भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को बिना सोचे समझे निलंबित करना एक कायरतापूर्ण और अवैध कदम है. एक-एक बूंद हमारी है और हम इसे पाने के लिए कानूनी, राजनीतिक हर ताकत का सहारा लेंगे.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जो आतंकी हमला हुआ, भारत उसके लिए अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा है. भारत मानता है कि हमलावरों ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है.
क्या है सिंधु जल समझौता
1960 में हुए इस समझौते के अनुसार, सिंधु के जल का 80 प्रतिशत हिस्सा भारत द्वारा पाकिस्तान को ऊपरी तटवर्ती राज्य के रूप में प्रदान किया जाता है. इस समझौते के रद्द होने से पाकिस्तान के किसान बुरी तरह से प्रभावित होंगे.