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India Daily

सीनेट की समिति ने FBI प्रमुख के लिए ट्रंप की पसंद काश पटेल के नामांकन को आगे बढ़ाया

‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI)’ निदेशक पद पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पंसद काश पटेल के नामांकन को आगे बढ़ाने के मकसद से सीनेट की न्यायपालिका समिति ने बृहस्पतिवार को पार्टी लाइन के आधार पर मतदान किया. यह मतदान डेमोक्रेटिक पार्टी की इस चिंता को दूर करते हुए किया गया कि वह राष्ट्रपति के प्रति वफादार के रूप में काम करेंगे और ‘व्हाइट हाउस’ के कथित विरोधियों को निशाना बनाएंगे.

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Edited By: Anvi Shukla
DONALD TRUMP
Courtesy: pinterest

अमेरिका की सीनेट की एक समिति ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एफबीआई प्रमुख के पद के लिए चुने गए काश पटेल के नामांकन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है. यह निर्णय अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, क्योंकि काश पटेल की उम्मीदवारी पर विवाद खड़ा हो चुका है. उनकी उम्मीदवारी को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, और इससे अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है.

काश पटेल की उम्मीदवारी को लेकर विवाद इसलिए भी है, क्योंकि उनके पास एफबीआई प्रमुख के पद के लिए आवश्यक अनुभव नहीं है. इसके अलावा, उनके पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के साथ घनिष्ठ संबंध होने के कारण भी उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है और क्या काश पटेल एफबीआई प्रमुख के पद पर नियुक्त हो पाएंगे.

काश पटेल की उम्मीदवारी:

काश पटेल, जो पहले ट्रंप प्रशासन में एक प्रमुख सलाहकार थे, को ट्रंप ने एफबीआई प्रमुख के रूप में नामित किया है. पटेल की उम्मीदवारी को लेकर राजनीतिक विवाद गहरा गया है, क्योंकि उन्होंने ट्रंप के अधीन कार्य करते हुए कई अहम निर्णयों में हिस्सा लिया था, जिनमें एफबीआई की जांच और राष्ट्रपति चुनाव के बाद के विवादित मुद्दे शामिल थे. 

समिति का फैसला:

सीनेट की समिति ने काश पटेल के नामांकन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसके बाद अब उनका नाम पूरी सीनेट में मतदान के लिए जाएगा. समिति ने इस मामले पर चर्चा करते हुए पटेल की उम्मीदवारी के समर्थक और विरोधी दोनों ही पक्षों के विचारों को सुना. सीनेट के कुछ सदस्य इस नामांकन को लेकर चिंतित हैं, जबकि अन्य इसे एक सही दिशा में कदम मानते हैं.

राजनीतिक विवाद:

काश पटेल की उम्मीदवारी पर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि पटेल की नियुक्ति से एफबीआई की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवाल उठ सकते हैं, क्योंकि उन्होंने ट्रंप के साथ मिलकर कई विवादास्पद फैसले लिए थे. वहीं, ट्रंप के समर्थक उन्हें एक मजबूत और प्रभावशाली नेता मानते हैं, जो एफबीआई में बदलाव ला सकते हैं.

काश पटेल के नामांकन ने अमेरिकी राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है. यह देखना अब दिलचस्प होगा कि सीनेट में उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ और समर्थन में कौन-कौन से तर्क पेश किए जाते हैं. अगर उनका नामांकन सफल होता है, तो यह अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों में एक नए दौर की शुरुआत हो सकती है.