अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहली ही फ्लाइट में बोइंग स्टारलाइनर को तगड़ा झटका लगा है. नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने भारतीय और अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्लोर की किस्मत का फैसला पर मंथन कर रहे हैं. अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने ऐलान किया कि स्पेस में फंसे इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को टेस्ला के मालिक एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के Crew 9 मिशन के साथ पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा. नासा ने स्टारलाइनर ने इन्हें दोनों को धरती पर वापस लाने का विचार बदल दिया है.
5 जून को सुनीता विलियम्स और बूच विल्मोर 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. मगर स्टारलाइनर में थ्रस्टर्स फेल होने और हीलियम गैस लीक की वजह से उनकी वापसी को बार-बार बोलना पड़ रहा है. हालांकि अब नासा दावा कर रहा है कि फरवरी 2025 तक इन दोनों को धरती पर लाया जाएगा.
इन दोनों को धरती पर वापस लाने के लिए नासा ने बहुत कोशिश की लेकिन स्टारलाइनर के खतरों को देखते हुए नासा ने आखिरकार एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स पर ही भरोसा जताया. सुनीता विलियम्स और बूच विल्मोर फरवरी 2025 से पहले घर नहीं लौटेंगे. स्टारलाइनर की जगह स्पेसएक्स ड्रैगन इन दोनों को धरती पर लाएगा. ऐसे में अब लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर विलियम्स और वेल्लोर को वापस लाने के लिए नासा ने स्पेसएक्स को ही क्यों चुना. एलन मस्क की स्पेस कंपनी को चुनने के पीछे कई वजह है.
दरअसल नासा की निचली ऑर्बिट के मिशन के लिए सरकारी मिशनों पर फोकस नहीं कर रहा है. इसके बजाय कमर्शियल क्रू मिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. 2014 में अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए नासा ने दो प्राइवेट स्पेस कंपनियों-बोइंग और स्पेसएक्स का सिलेक्शन किया था.
स्पेसएक्स को 2.6 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट मिला और बोइंग ने 4.2 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया. स्पेसएक्स ने 2020 में अपने मिशन शुरू कर दिया था और अब तक स्पेस स्टेशन में 11 क्रू भेजे हैं. इनमें 8 नासा के लिए और तीन प्राइवेट कंपनी एक्सिओम स्पेस के लिए है. एक्सिओम लोगों को स्पेस की सैर कराने के लिए स्पेस ट्रैवल सर्विस देती है.