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बीज बनने की प्रक्रिया का प्रकिया का खुला राज, 160 साल बाद वैज्ञानिकों ने खोज निकाला पहला Plant Tissue

New Plant Tissue: वैज्ञानिकों के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है. 160 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ कि वैज्ञानिकों ने नए प्लांट टीशू की खोज की है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Scientists discovered new plant tissue for first time in 160 years
Courtesy: Social Media

New Plant Tissue: जापान की नागोया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पौधों से संबंधित एक ऐसा नया Tissue (ऊतक) खोज निकाला है, जो बीज बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है. यह खोज बीते 160 वर्षों में इस क्षेत्र में हुई पहली ऐसी खोज मानी जा रही है, जिसने वैज्ञानिक समुदाय में उत्सुकता बढ़ा दी है.

बीज बनने की प्रक्रिया का रहस्य खुला

वैज्ञानिकों ने हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बताया कि बीज बनने के दौरान पौधे के अंदर पोषक तत्वों के प्रवाह को कैसे नियंत्रित किया जाता है. उन्होंने अंडाशय के एक सिरे पर एक नया "गेट" (द्वार) खोजा है, जो बीज के विकास के समय पोषक तत्वों को अंदर जाने देता है या रोकता है. यह हिस्सा 'चालाज़ल एंड' कहलाता है.

'कसाहारा गेटवे' की हुई पहचान

इस अध्ययन के प्रमुख वैज्ञानिक रयूशिरो कसाहारा ने बीजों पर एक विशेष रंगाई तकनीक का प्रयोग किया, जिससे उन्हें एक अलग दिखने वाला ऊतक दिखाई दिया. यह संरचना खरगोश की आकृति जैसी थी और पोषक तत्वों के प्रवाह को नियंत्रित कर रही थी. इस नए Tissue को 'कसाहारा गेटवे' नाम दिया गया है. यह संरचना 160 वर्षों में खोजा गया पहला नया पौधा ऊतक है.

फर्टिलाइज्ड और अन फर्टिलाइज्ड सीड्स

वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि जब यह गेट खुला रहता है, तो निषेचित (fertilized) बीजों में पोषक तत्वों का प्रवाह सही ढंग से होता है, जिससे बीज का विकास संभव हो पाता है. वहीं अगर बीज निषेचित नहीं होता है, तो यह गेट बंद हो जाता है और पोषक तत्व अंदर नहीं जा पाते, जिससे बीज मर जाता है.

फसलों की उपज बढ़ाने में मिल सकती है मदद

यह खोज केवल वैज्ञानिक समझ बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ सकता है. शोधकर्ताओं ने इस तंत्र को धान (चावल) में भी लागू किया और बीज के आकार और उपज में बढ़ोतरी देखी. यदि इस गेट को आनुवंशिक रूप से स्थायी रूप से खुला रखने का तरीका विकसित किया जाए, तो यह कई फसलों की उपज को बेहतर बना सकता है.