सऊदी अरब ने हाल ही में भारत, पाकिस्तान समेत 14 देशों के नागरिकों पर उमराह और हज यात्रा के लिए वीजा प्रतिबंध लगा दिया है. इसका मकसद मक्का और अन्य तीर्थस्थलों पर अवैध तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करना था. अब, सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें कहा गया है कि जो लोग उमराह के लिए पहले से वीजा प्राप्त कर चुके हैं, वे 29 अप्रैल तक अपनी तीर्थयात्रा पूरी कर अपने देश वापस लौट जाएं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उमराह तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब छोड़ देना होगा. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "इस साल उमराह के लिए सऊदी अरब में प्रवेश की आखिरी तिथि 13 अप्रैल तय की गई है. वहीं, 29 अप्रैल को तीर्थयात्रा की अवधि समाप्त हो जाएगी." इस तारीख के बाद, किसी भी विदेशी तीर्थयात्री को अवैध रूप से सऊदी अरब में रहना माना जाएगा, और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सऊदी अरब ने सख्त दंड की दी चेतावनी
सऊदी अरब सरकार ने इस आदेश के साथ यह भी चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त दंड लगाया जाएगा. ऐसे में अवैध रूप से सऊदी अरब में रहने वाले व्यक्तियों, कंपनियों और उमराह सेवा प्रदाताओं पर 100,000 सऊदी रियाल (लगभग 22.94 लाख रुपये) का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई हो सकती है. साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस समय सीमा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 15 साल तक की सजा या 2.30 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
सऊदी अरब के कदम का उद्देश्य
बता दें कि, यह कदम विशेष रूप से पिछले साल मक्का में हुई भगदड़ को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिसमें 1,200 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी.सऊदी अरब अब हज यात्रा को और अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रहा है. इसके अलावा, सऊदी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि 18,407 विदेशी नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया था, जो वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी सऊदी अरब में अवैध रूप से बसेरा बनाए हुए थे.
यात्रा सेवाओं पर भी सख्ती
सऊदी अरब ने हज यात्रा आयोजित करने वाली सभी संस्थाओं को आदेश दिया है कि वे विदेशी तीर्थयात्रियों की समयसीमा का पालन सुनिश्चित करें और किसी भी उल्लंघन की रिपोर्ट करें. ऐसे संस्थाओं पर भी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो नियमों का उल्लंघन करेंगी.