Middle East News: इजरायल और ईरान के बीच जारी गतिरोध के बीच सऊदी अरब के ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं. यमन के हूती विद्रोहियों के नेता अब्दुल मलिक अल हूती ने कहा है कि सऊदी नेतृत्व यहूदियों का तुष्टिकरण कर रहा है, उसकी नीतियों में बदलाव आ गया है. सऊदी अरब ने कुरान के कुछ हिस्सों को भी सिलेबस से हटा दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हूती नेता ने कहा कि सऊदी अरब चाहता है कि उसके इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य हो जाएं. इसलिए रियाद ने कुरान के कुछ हिस्से को सिलेबस से भी हटा दिया है. रियाद की कोशिश है कि इजरायल उसके साथ व्यापार शुरु करे. ईरान की रिपब्लिक समाचार एजेंसी के मुताबिक, हूती नेता अब्दुल मलिक अल हूती ने 20 अप्रैल को कहा है कि सऊदी अरब ने कुरान की आयतों को सिलेबस से हटा दिया है. सऊदी ने खासतौर पर कुरान के उन हिस्सों को हटा दिया है जिसमें यहूदियों द्वारा किए गए अपराधों के बारे में जानकारी थी.
हूती नेता के मुताबिक, यूएई भी अब सऊदी की राह चल रहा है. दोनों देशों की कोशिश ऐसी पीढ़ी तैयार करने की है जो इजरायल के साथ दोस्ताना व्यवहार रखे. इसलिए दोनों सरकारें पाठ्यक्रम में यहूदियों के पक्ष वाली चीजें शामिल कर रहे हैं. हूती नेता ने कहा कि दोनों नेतृत्व बड़ी गलती कर रहे हैं. वे भविष्य की पीढ़ियों के साथ अन्याय कर रहे हैं.
हूती विद्रोही यमन के एक बड़े हिस्से पर अपना शासन कर रहे हैं. वे इजरायल के खिलाफ हैं. हूती विद्रोहियों ने हाल के दिनों में लाल सागर में इजरायली ध्वज वाले जहाजों को खूब निशाना बनाया है. हूती लड़ाके गाजा में हमास का समर्थन करते हैं. इजरायल के प्रति सऊदी अरब के नरम रवैये को लेकर वह उसकी आलोचना करता रहता है.