US में हिंदू मंदिर पर हमले पर जयशंकर की दो टूक, विदेश में ना मिले भारत के खिलाफ उग्रवाद को पनाह
अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखने की विदेश मंत्री एस जयशंकर ने निंदा की है.
अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए. इससे भारतीय समुदाय के लोग आहत हुए हैं.
विदेश मंत्री ने क्या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर भारत के खिलाफ उग्रवादियों, अलगाववादियों को पनपने नहीं दिया जाएगा. हमारे वाणिज्य दूतावास ने अमेरिकी सरकार और पुलिस से शिकायत की है और जांच चल रही है.
कैलिफोर्निया के नेवार्क शहर में स्वामीनारायण मंदिर की बाहरी दीवारों पर ना केवल भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे थे बल्कि मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के नाम का भी उल्लेख है. इससे भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की गई है.
खालिस्तान समर्थकों का मकसद
जयशंकर ने कहा कि मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखने का मकसद मंदिर में आने वाले लोगों को डराना है.
भारतीय समुदाय आहत
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा है कि इस घटना से भारतीय समुदाय के लोगों को ठेस पहुंची है. उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से जल्द से जल्द जांच पूरी करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
आतंकवाद पर क्या बोले
डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद पर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. यह भारत की आजादी के समय से हो रहा है. जब पाकिस्तान से आतंकवादी भारत में आते थे. 26/11 हमले ने सभी को चौंकाया. लोगों को तब तक समझ नहीं आया कि आतंकवाद क्या है. अब भारत को आतंकवाद का मुकाबला करना चाहिए.26/11 के बाद भारत का मूड दूसरा गाल आगे करने का नहीं है. उन्हें नहीं लगता कि दूसरा गाल आगे करना सही है. अगर कोई सीमा पार आतंकवाद कर रहा है, तो उसे जवाब देना चाहिए.
निखिल गुप्ता का मामला:
जयशंकर ने चेक गणराज्य में गिरफ्तार भारतीय नागरिक निकहिल गुप्ता के मामले पर भी बात की. गुप्ता पर अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने का आरोप है. जयशंकर ने कहा कि गुप्ता को तीन बार कांसुलर पहुंच दी गई है.
भारत सरकार का रुख
भारत सरकार ने गुप्ता के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. सरकार ने यह भी कहा है कि चेक गणराज्य का मामला है और इसमें भारत के न्यायिक अधिकारियों का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.
गुप्ता का परिवार
गुप्ता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह सरकार को गुप्ता के प्रत्यर्पण प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और उसे निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दे.
वहीं, अमेरिका ने चेक गणराज्य से गुप्ता का प्रत्यर्पण मांगा है.
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