Russian Attacked German Helicopter: यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद वहां तबाही का मंजर पसरा हुआ है. हाल ही में बाल्टिक सागर में एक जर्मन हेलीकॉप्टर पर रूसी जहाज द्वारा हमला किए जाने की खबरें आई हैं. यह घटना रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच सामने आई है. जर्मन प्रेस एजेंसी के अनुसार, जर्मन सेना का हेलीकॉप्टर एक गुप्त निगरानी मिशन पर था, जब रूसी जहाज के क्रू ने संकेतक गोला-बारूद का इस्तेमाल करते हुए उस पर हमला किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माना जाता है कि इस घटना का ज़िक्र नाटो की बैठक के दौरान जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बैरबॉक ने पहले ही कर दिया था, हालांकि उस समय कुछ ही विवरण सामने आए थे. माना जा रहा है कि जिस तरह के गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका इस्तेमाल केवल आपातकालीन स्थितियों में ही किया जाता है.
बाल्टिक सागर में तस्करी और रूस की युद्ध रणनीति जारी
मिटेलबायरीशे ज़िटुंग के मुताबिक, बाल्टिक सागर अक्सर उन जहाजों द्वारा नेविगेट किया जाता है जो यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद लगे प्रतिबंधों से बचने की कोशिश कर रहे हैं. इस घटना में शामिल जहाज एक टैंकर था. ग्रीन पार्टी की राजनीतिज्ञ बैरबॉक ने पश्चिमी देशों के खिलाफ रूस की बढ़ती हाइब्रिड युद्ध रणनीतियों से निपटने के लिए गश्त करने का ऐलान किया है. रूस पर पश्चिमी देशों के खिलाफ असुरक्षा फैलाने के लिए आपराधिक तत्वों और एजेंटों का इस्तेमाल करने का शक है.
NATO और पश्चिमी देशों का संयुक्त निगरानी प्रस्ताव
जर्मन सरकार की ओर से बाल्टिक क्षेत्र में पाइपलाइनों और केबल्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा गश्त किए जाने का फैसला लिया गया है. यह हमला उसी का हिस्सा माना जा रहा है. इसी तरह के बढ़ते तनाव के बीच, नाटो का ध्यान केवल रूस पर नहीं है. स्वीडन और लिथुआनिया के बीच एक फाइबर ऑप्टिक केबल को हुए नुकसान के मामले में स्वीडिश जांचकर्ताओं का ध्यान चीन के जहाज "Yi Peng 3" पर केंद्रित है. इसके बाद, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड तुस्क ने पश्चिमी देशों के नौसेनाओं के बीच संयुक्त निगरानी की प्रस्तावना की है.