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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन महायुद्ध रुकवाने में फेल हुए ट्रंप! किम जोंग उन ने पुतिन के साथ मिलकर रचा 'महाचक्रव्यूह'

दक्षिण कोरियाई मीडिया के मुताबिक, 2025 की शुरुआत में इस क्षेत्र में लगभग 3000 अतिरिक्त उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया गया है, जिसकी जांच राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) कर रही है.

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Edited By: Mayank Tiwari
उत्तर कोरिया के सैनिकों की रूस में तैनाती
Courtesy: Social Media

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से बड़ी खबर सामने आ रही है. दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी (NIS) का मानना है कि रूस-यूक्रेनी युद्ध में उत्तर कोरिया के और सैनिकों को भेजा गया है. दक्षिण कोरिया के जोंगआंग इल्बो अखबार द्वारा अनाम सूत्रों के अनुसार, जनवरी और फरवरी के बीच लगभग 3000 अतिरिक्त उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि रूस उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों के विकास में मदद देकर उसे पुरस्कृत कर सकता है. ऐसे में यह पहले से ही उम्मीद की जा रही है कि उत्तर कोरिया को उसके योगदान के लिए रूस से आर्थिक और अन्य सहायता मिलने वाली है. हालांकि, अभी तक एनआईएस ने आधिकारिक तौर पर इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की है. एक संक्षिप्त बयान में, इसने यह पता लगाने की कोशिश की कि उत्तर कोरिया ने रूस में कितने और सैनिक तैनात किए हैं.

लड़ाई में उत्तर कोरियाई सैनिकों की क्या है स्थिति?

उत्तर कोरिया ने रूस को बहुत ज़्यादा सैन्य शक्ति प्रदान की है. अमेरिका के अनुसार, पिछली शरद ऋतु में उसने रूस को लगभग 12,000 सैनिक भेजे थे. चूंकि, उत्तर कोरियाई सैनिक अत्यधिक अनुशासित और अच्छी तरह प्रशिक्षित हैं, लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना है कि युद्ध के अनुभव की कमी और इलाके से अपरिचित होने के कारण वे रूसी-यूक्रेन युद्धक्षेत्रों पर ड्रोन और तोपखाने के हमलों का आसान टारगेट बन गए हैं.

जनवरी में NIS ने बताया था कि लगभग 300 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए थे और 2,700 घायल हुए थे. हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने मृत और घायल सैनिकों की संख्या 4,000 बताई थी, जबकि अमेरिकी अनुमानों के अनुसार यह संख्या लगभग 1,200 थी.

रूस और अमेरिका के बीच बातचीत

हाल ही में सऊदी अरब में हुई बातचीत में, रूस और अमेरिका के अधिकारियों ने युद्ध समाप्त करने और कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम करने पर सहमति जताई. यह बातचीत यूक्रेनी अधिकारियों की गैर-मौजूदगी में हुई, जो अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है. यह बदलाव ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका के रूस को अलग-थलग करने के प्रयासों से एक स्पष्ट विचलन है.