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India Daily

रुक गया 3 साल से चल रहा रूस-यूक्रेन का युद्ध, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने की ईस्टर युद्धविराम की घोषणा

Russian President Putin announces Easter ceasefire: रूसी राष्ट्रपति व्लालदिमीर पुतिन ने 3 साल से चल रहे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर बड़ी घोषणा की है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Russian President Vladimir Putin announces Easter ceasefire in Ukraine War
Courtesy: Social Media

Russian President Putin announces Easter ceasefire: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन वर्षों से जारी युद्ध में एक बड़ा मोड़ आया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईस्टर के अवसर पर युद्धविराम की घोषणा की है. यह जानकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के हवाले से सामने आई है. राष्ट्रपति पुतिन ने शनिवार को टेलीविजन पर रूसी सेना के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव से बातचीत के दौरान यह एलान किया.

शनिवार शाम से रविवार रात तक रहेगा प्रभाव में

पुतिन ने कहा कि यह युद्धविराम शनिवार शाम 6 बजे (भारतीय समयानुसार रात 9:30 बजे) से लेकर रविवार की रात 12 बजे तक प्रभाव में रहेगा. उन्होंने इसे 'ईस्टर ट्रूस' यानी ईस्टर युद्धविराम का नाम दिया है. यह कदम धार्मिक पर्व के प्रति सम्मान और शांति की भावना को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.

कुर्स्क क्षेत्र से यूक्रेनी सेनाओं को खदेड़ा गया

इस घोषणा से पहले रूसी सेनाओं ने यूक्रेनी सेना को कुर्स्क क्षेत्र के एक बड़े हिस्से से बाहर कर दिया है. वालेरी गेरासिमोव ने जानकारी दी कि इस इलाके में यूक्रेन द्वारा कब्जा की गई लगभग पूरी जमीन फिर से रूसी नियंत्रण में आ चुकी है. उन्होंने बताया कि अगस्त में शुरू हुई यूक्रेनी घुसपैठ के बाद अब तक 1260 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को फिर से मुक्त कराया जा चुका है, जो कुल क्षेत्रफल का 99.5% है.

अमेरिका की क्राइमिया पर नरम रुख

इस बीच, एक और बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है. अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका अब क्राइमिया को लेकर नरम रुख अपनाने को तैयार है. खबरों के अनुसार, अमेरिका की मौजूदा सरकार रूस के क्राइमिया पर नियंत्रण को मान्यता देने पर विचार कर रही है.

शांति की ओर एक अहम कदम

राष्ट्रपति पुतिन की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब युद्ध ने हजारों लोगों की जान ली है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं. यह ईस्टर युद्धविराम दोनों देशों के बीच संभावित शांति वार्ता की शुरुआत का संकेत भी माना जा सकता है. अब देखना होगा कि यह विराम भविष्य में स्थायी शांति की दिशा में कितना मददगार साबित होता है.