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India Daily

ट्रंप की धमकी के आगे झुके पुतिन, बोले- यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने को तैयार लेकिन...

ट्रंप की प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर बात करने के लिए राजी हो गए हैं. हालांकि उन्होंने कुछ शर्तों के साथ इस समझौते पर बातचीत करने पर सहमति जताई है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Russian President Putin is ready to agree to peace deal in Ukraine with conditions

ट्रंप की प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद पुतिन यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर बातचीत करने के लिए राजी हो गए हैं. इस मामले से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन में एक अस्थायी युद्धविराम पर चर्चा करने के लिए तैयार है. बशर्ते अंतिम शांति समझौते की दिशा में कोई प्रगति हो.

ट्रंप की मानी बात

यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के युद्धविराम के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया का पहला संकेत है. इस प्रस्ताव को पिछले महीने सऊदी अरब में रूस और अमेरिका के उच्च अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में पेश किया गया था, जैसा कि उन लोगों ने बताया जिन्होंने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर जानकारी दी.

अंतिम शांति समझौते पर हो स्पष्ट सहमति

रूस ने कहा कि युद्धविराम पर सहमति जताने के लिए अंतिम शांति समझौते के ढांचे पर स्पष्ट सहमति होनी चाहिए. यह भी कहा गया है कि रूस विशेष रूप से एक शांति अभियानों की स्थापना पर जोर देगा, जिसमें यह तय किया जाएगा कि शांति मिशन में कौन से देश शामिल होंगे. इस विषय से परिचित एक अन्य व्यक्ति ने यह जानकारी दी.

यह जानकारी सामने आई है जब यूक्रेन और अमेरिका अगले सप्ताह सऊदी अरब में अपनी पहली सीधे वार्ता करने की योजना बना रहे हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच पिछले सप्ताह हुए ओवल ऑफिस के विवाद के बाद हो रही है. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकोफ ने कहा कि यह बैठक "शांति समझौते के ढांचे और प्रारंभिक युद्धविराम पर पहुंचने" के उद्देश्य से होगी. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने तुरंत इस पर टिप्पणी करने के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

इस प्रस्ताव से यह संकेत मिलता है कि रूस, जो पहले युद्धविराम पर विचार करने से बच रहा था, अब शांति वार्ता के प्रति सकारात्मक रुख अपना रहा है, लेकिन यह शर्त रखता है कि कोई स्पष्ट योजना और सहमति होनी चाहिए ताकि भविष्य में स्थायी शांति स्थापित हो सके.