Donald Trump Tariff Effects on Russian Oil Markets: रूस की अर्थव्यवस्था बड़ी हद तक तेल, ऊर्जा और खनिज निर्यात पर निर्भर है. इसलिए, यदि तेल की कीमतें इसी तरह गिरती रहीं, तो रूस एक गंभीर संकट का सामना कर सकता है. हाल ही में तेल की कीमतें गिरकर 60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं, और रूस का उराल्स तेल 50 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया. यह उथल-पुथल पूरी तरह से डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिशोधी टैरिफ के कारण है, जिनसे वैश्विक बाजार, विशेष रूप से तेल बाजार, बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने जो टैरिफ लगाए हैं, उनके प्रभाव से केवल रूस ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के तेल और ऊर्जा बाजारों में भारी उथल-पुथल मच गई है. ट्रंप ने विशेष रूप से उन देशों पर टैरिफ लगाए हैं जो अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाते हैं. इन टैरिफों से वैश्विक बाजारों में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और तेल की कीमतों में गिरावट आई है. साथ ही, चीन, जो कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ने भी अमेरिका के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कदम उठाए हैं, जिससे बाजारों में और भी अस्थिरता आ गई है.
रूस की तेल और गैस आय में गिरावट
रूस के लिए तेल और गैस क्षेत्र उसकी राष्ट्रीय आय का सबसे बड़ा स्रोत है. मार्च महीने में ही इस क्षेत्र से होने वाली आय में पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके बाद, अप्रैल में ट्रंप के टैरिफ आदेशों के कारण तेल की कीमतों में निरंतर गिरावट आई.
क्रीमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस गिरावट के प्रभाव पर कहा कि यह उनके बजट के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार स्थिति पर करीबी निगरानी रख रही है, जो वर्तमान में बहुत तनावपूर्ण और उथल-पुथल भरी है. हम ऐसी नीतियाँ अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इस आर्थिक तूफान के प्रभाव को कम किया जा सके."
तेल की कीमतों में निरंतर गिरावट
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को रूस का उराल्स तेल प्रिमोर्स्क बंदरगाह पर 52 डॉलर प्रति बैरल पर व्यापार कर रहा था, और सोमवार को यह और भी गिरकर 50 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया. इस गिरावट के कारण वैश्विक बाजारों में भी हड़कंप मच गया है, और निवेशकों के बीच एक संभावित मंदी का डर बढ़ गया है.
अमेरिका का WTI क्रूड (टेक्सास क्रूड) भी 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय ब्रेंट क्रूड की कीमत 64 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई है.
ट्रंप का रुख
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी स्थिति पर दृढ़ रहते हुए कहा, "तेल की कीमतें गिर रही हैं, ब्याज दरें कम हो रही हैं, खाद्य कीमतें गिर रही हैं, और मुद्रास्फीति नहीं है. अमेरिका अब हर हफ्ते अरबों डॉलर कमा रहा है, जो पहले इन देशों द्वारा लगाया गया शुल्क था."
उन्होंने चीन को दोषी ठहराते हुए कहा, "चीन ने अपनी टैरिफ दरों में 34 प्रतिशत का इजाफा किया है, जबकि हमारे पुराने नेता इसे नजरअंदाज करते रहे."