Russian forces destroy Ukraine Leopard tank watch Video: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध और भी भयानक होता जा रहा है. यूक्रेन ने रूस के कजान शहर स्थिति एक बिल्डिंग पर ड्रोन से जबरदस्त हमला किया. यह हमला अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर हुए 9/11 हमले की तरह था. इससे गुस्साए व्लादिमीर पुतिन की सेना ने यूक्रेनी टैंक को स्वाहा कर दिया. इस हमला का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कस तरह से रूस ने यूक्रेनी 'तेंदुआ' (Leopard) टैंक को नेस्तानाबूत किया. कीव को यह टैंक जर्मनी से मिले हैं.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि एक जासूसी ड्रोन (UAV) ने इस तेंदुआ टैंक का पता लगाया और फिर कई FPV (First-Person View) ड्रोन के जरिए इस टैंक को निशाना बनाया गया. इन ड्रोन के हमलों ने टैंक को आग के हवाले कर दिया, और टैंक में कई बार धमाके हुए, जिससे वह पूरी तरह से नष्ट हो गया. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि टैंक जलते हुए जमीन पर गिर जाता है.
रूस की सेनाओं ने एक और बड़ा हमला किया, जिसमें दो और टैंक, एक M113 बख्तरबंद वाहक, दो पिकअप ट्रक, पांच सोवियत D30 हॉवित्जर और चार अमेरिकी M101 और M119 हॉवित्जर को भी नष्ट कर दिया. इस हमले में यूक्रेनी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा, और 440 से ज्यादा सैनिक मारे गए.
🇷🇺🇺🇦 In the Pokrovsk front, Russian forces took out a leopard tank with FPV drones and Lancet.
— Heyman_101 (@SU_57R) December 21, 2024
Some say it's a 1A5 others claim 2A4, you be the judge. pic.twitter.com/aZ3SL1HMu7
यूक्रेन की सेना को पश्चिमी देशों से कई 'तेंदुआ' टैंक मिले हैं, खासकर जर्मनी से. इन टैंकों का इस्तेमाल यूक्रेन की सेना ने अपनी मोर्चा पंक्ति में किया है. यूक्रेनी सेना को 'तेंदुआ 2A4' और पुरानी '1A5' मॉडल में ये टैंक मिले हैं. हालांकि, वीडियो में यह स्पष्ट नहीं है कि जिस टैंक को नष्ट किया गया, वह किस संस्करण का था. यह टैंक युद्ध के मैदान में यूक्रेन की प्रमुख शक्ति बनकर उभरा था, लेकिन अब रूस की अत्याधुनिक तकनीक ने इसे नष्ट कर दिया.
रूस के रक्षा मंत्री एंड्री बेलोसोव ने अनुमान जताया है कि 2024 में ही यूक्रेनी सेना के एक लाख से अधिक सैनिक मारे गए हैं, और कुल मिलाकर इस संघर्ष में एक मिलियन से अधिक सैनिकों की जान जा चुकी है. इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि रूस की सेनाएँ हर दिन औसतन 30 किलोमीटर की दूरी तय कर रही हैं, जो इस युद्ध में रूस की रणनीतिक बढ़त को दर्शाता है.