दम तोड़ने लगी यूक्रेन की सेना, हर चाल पर भारी पड़ रहा रूस, कुर्स्क क्षेत्र में नाकाम किए दो जवाबी हमले
रूस के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में दावा किया है कि उसकी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के दो जवाबी हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया है. इस हमले के बारे में रूस ने यह भी कहा कि उन्होंने हमलावर यूक्रेनी बलों को भारी नुकसान पहुंचाया और किसी भी प्रकार की महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त को रोक लिया.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में दावा किया है कि उसकी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के दो जवाबी हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया है. मंत्रालय के अनुसार, रूस के सैनिकों ने दोनों हमलों को विफल करते हुए अपनी सुरक्षा रेखाओं को मजबूत रखा. इस हमले के बारे में रूस ने यह भी कहा कि उन्होंने हमलावर यूक्रेनी बलों को भारी नुकसान पहुंचाया और किसी भी प्रकार की महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त को रोक लिया.
जवाबी हमले और रूस की प्रतिक्रिया
कुर्स्क क्षेत्र, जो यूक्रेन की सीमा के पास स्थित है, इस समय संघर्ष का एक प्रमुख क्षेत्र बन चुका है. रूस का दावा है कि यूक्रेनी सेना ने इस इलाके में दो बड़े जवाबी हमले किए थे, जिन्हें रूसी सेना ने अपने तत्पर और सटीक सैन्य अभियानों से नाकाम कर दिया. रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों के दौरान यूक्रेनी बलों को भारी क्षति उठानी पड़ी, और उन्हें अपनी रणनीतिक स्थिति को छोड़ना पड़ा.
युद्ध का विस्तार और वैश्विक असर
रूस-यूक्रेन युद्ध का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और हर नए हमले के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक राजनीति पर नए सवाल उठते हैं. रूस और यूक्रेन दोनों की सेनाओं के बीच संघर्ष में बढ़ोतरी के कारण, न केवल यूरोप में बल्कि पूरी दुनिया में स्थिति में तनाव बढ़ गया है. रूस ने पहले ही यूक्रेन पर कई सैन्य हमलों के माध्यम से अपने नियंत्रण में कुछ क्षेत्रों को रखा है, और इस नवीनतम संघर्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध अब एक स्थिर सीमा से कहीं अधिक प्रभाव डालने वाला बन चुका है.
क्या हमले का परिणाम अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर होगा?
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष ने न केवल इन दो देशों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति को भी झकझोर कर रख दिया है. पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता और रूस की बढ़ती सैन्य रणनीतियां, इसे एक वैश्विक संघर्ष की ओर बढ़ते हुए दिखाती हैं. इसके अतिरिक्त, रूस का यह दावा कि उसने दो बड़े जवाबी हमलों को नाकाम कर दिया, पश्चिमी शक्तियों द्वारा की जाने वाली सैन्य सहायता और रूस की सैन्य तैयारियों को लेकर और भी जटिल सवाल खड़े करता है.