Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित प्राकृतिक संसाधन समझौता सिर्फ एक "ढांचा" है. उन्हें उम्मीद है कि इस समझौते के जरिए यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी मिलेंगी. ज़ेलेन्स्की ने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान प्रारूप में सुरक्षा गारंटी के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, क्योंकि इन गारंटियों पर फैसला संयुक्त रूप से अमेरिका और यूरोप के साथ लिया जाएगा.
न्यूज एजेंसी सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समझौते में केवल यह जिक्र किया गया है कि अमेरिका यूक्रेन के "स्थायी शांति स्थापित करने के लिए सुरक्षा गारंटियों" की कोशिशों का समर्थन करेगा, लेकिन इसमें कोई स्पष्ट नहीं है. ज़ेलेन्स्की ने कहा कि यह समझौता भविष्य की सुरक्षा गारंटियों का एक हिस्सा हो सकता है, जिस पर वे भविष्य में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलकर चर्चा करेंगे.
जानिए क्या है पूरा मामला?
इस समझौते के तहत, दोनों देशों के बीच एक संयुक्त रूप से संचालित "पुनर्निर्माण निवेश निधि" स्थापित करने का प्रस्ताव है. यूक्रेन भविष्य में अपने राज्य-स्वामित्व वाले प्राकृतिक संसाधन जैसे हाइड्रोकार्बन, तेल, प्राकृतिक गैस और दुर्लभ पृथ्वी धातुओं से होने वाली आय का 50% इस फंड में योगदान करेगा. यह निधि यूक्रेन के सार्वजनिक और निजी संसाधनों के विकास और मुद्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखेगी.
यूक्रेनियन नागरिकों की चिंता और असंतोष
यूक्रेन के नागरिक इस समझौते से असंतुष्ट हैं. खासकर जब अमेरिकी प्रशासन ने पहले यूक्रेन के दुर्लभ पृथ्वी संसाधनों का $500 बिलियन हिस्सा मांगने का प्रस्ताव दिया था, जिसे ज़ेलेन्स्की ने ठुकरा दिया था. ओलेक्सांद्रा ज़डोरेंको, एक पेंशनर हैं. उन्होंने कहा कि वे पहले इस समझौते से "दुबला" हो गए थे, लेकिन अब वे यह मानते हैं कि शर्तों में कुछ बदलाव आए हैं.
प्राकृतिक संसाधनों के बदले कोई लोन नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ेलेन्स्की ने सााफ किया कि यूक्रेन इस समझौते के तहत अमेरिका द्वारा दिए गए धन को वापस नहीं करेगा. उन्होंने कहा, "मैं इस सौदे में एक भी सेंट की लोन वापसी स्वीकार नहीं करूंगा. अन्यथा, यह एक मिसाल बनेगी.
अमेरिका का समर्थन और भविष्य की दिशा
ज़ेलेन्स्की ने यह भी कहा कि वे ट्रंप से सीधे यह सवाल पूछेंगे कि क्या अमेरिका यूक्रेन के समर्थन को रोकने जा रहा है. यदि अमेरिका और अधिक मदद नहीं करता है, तो ज़ेलेन्स्की ने कहा कि यूक्रेन "सीधे अमेरिका से हथियार खरीद सकता है". इसके लिए रूस की जमी हुई संपत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनकी कीमत लगभग $300 बिलियन है.