menu-icon
India Daily

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए ट्रंप को क्यों चाहिए जिनपिंग की मदद? दुश्मन की तरफ क्यों बढ़ाया हाथ?

अमेरिका द्वारा चीन से यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद की अपील एक जटिल कूटनीतिक पहल है. यह न केवल अमेरिका और चीन के संबंधों को प्रभावित करेगा, बल्कि रूस और चीन के भविष्य के सहयोग को भी नया आकार दे सकता है.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
Courtesy: Social Media

Russia Ukraine War: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अपने शपथ-ग्रहण समारोह में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया है. हालांकि जिनपिंग द्वारा इस "आश्चर्यजनक" आमंत्रण को अस्वीकार करने की उम्मीद है, लेकिन यह कदम यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए नए अमेरिकी प्रशासन की ओर से एक वास्तविक प्रतिबद्धता प्रतीत होता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "तत्काल युद्ध विराम होना चाहिए और बातचीत शुरू होनी चाहिए. इस दौरान ट्रंप ने कहा कि चीन मदद कर सकता है". इस टिप्पणी ने दुनिया का ध्यान खींचा, जिसमें ट्रंप ने जिनपिंग को राष्ट्रपति पद के उद्घाटन का निमंत्रण दिया है.

जानिए ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान क्या कहा?

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते टाइम पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनके पास मदद के लिए एक "बहुत अच्छी योजना" है, लेकिन यदि वह इसे अभी लाते हैं तो "यह लगभग एक बेकार योजना बन जाएगी".लेकिन चीन, जो रूस का सदाबहार सहयोगी रहा है, व्लादिमीर पुतिन की आलोचना करने से बचता रहा है. हालांकि, बीजिंग ने मास्को को सैन्य मदद देने से इनकार किया है, लेकिन रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि बीजिंग ने युद्ध के मैदान में इस्तेमाल होने वाले कुछ सामानों को रूस भेजने की अनुमति दी है.

रूस यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए ट्रंप की क्या योजनाएं हैं?

नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यह "भयानक युद्ध" एक "घृणित युद्ध" है."हम इस युद्ध को रोकने की कोशिश कर रहे हैं". उन्होंने यूक्रेन के नष्ट हुए शहरों और दोनों पक्षों के हताहतों पर दुख जताया. साथ ही दावा किया कि वास्तविक नुकसान कीव और मॉस्को दोनों द्वारा अब तक बताई गई तुलना में कहीं अधिक होगा. उन्होंने कहा, "हर कोई मारा जा रहा है, यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से दुनिया में सबसे भयानक नरसंहार है. इसे रोकना होगा," उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के ज़ेलेंस्की दोनों से बात करेगा.

हालांकि, ट्रंप की टीम यूक्रेन और रूस को बातचीत की मेज पर लाने की योजना पर काम कर रही है. ऐसे में संकेत मिले हैं कि कीव और मास्को दोनों को समझौता स्वीकार करना होगा.

शांति समझौता पुतिन की स्थिति को कैसे मजबूत कर सकता है?

ट्रंप द्वारा मध्यस्थता किए जाने वाले शांति समझौते से प्रतिबंध हट जाएंगे और रूस को पश्चिम के साथ नए सिरे से और अधिक सहयोगात्मक संबंध बनाने की संभावना मिलेगी. यह समझौता रूस के अंतर्राष्ट्रीय पुनर्वास में भी योगदान दे सकता है. चीन ने रूस को औद्योगिक इनपुट, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, सैन्य ऑप्टिक्स, ड्रोन और टर्बोजेट इंजन, बख्तरबंद वाहन, उपग्रह प्रौद्योगिकी और नाइट्रोसेल्यूलोज जैसी सामग्री की आपूर्ति की है. यह मॉस्को के उस कथन को मजबूती देता है जो रूस को पश्चिमी आक्रामकता और नाटो का शिकार बताता है. इस तरह, चीन-रूस सहयोग अमेरिका के साथ-साथ उसके यूरोपीय सहयोगियों और भागीदारों के हितों के लिए सीधा खतरा है.

यूक्रेन युद्ध से चीन को क्या लाभ हुआ?

अटलांटिक काउंसिल ने कहा कि यूक्रेन में लंबे समय तक चलने वाला युद्ध चीन के हितों को पूरा करता है, क्योंकि इससे रूस दीर्घकालिक रूप से कमजोर होगा, जिससे आने वाले वर्षों में चीन-रूस शक्ति संतुलन निर्णायक रूप से चीन के पक्ष में बदल जाएगा.चीन को सस्ती रूसी ऊर्जा से लाभ मिल रहा है, जो उसकी अर्थव्यवस्था को सहारा दे रही है और विश्व बाजारों में चीन की प्रतिस्पर्धी स्थिति में सुधार ला रही है. 2022 में चीन को रूस की पाइपलाइन गैस निर्यात में ढाई गुना वृद्धि हुई, जबकि चीन को प्राकृतिक गैस निर्यात में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई.  

अगर चीन रूस और यूक्रेन के बीच समझौता कराने में ट्रंप की मदद करता है, तो अमेरिका के व्यापार और टैरिफ युद्ध में संभावित रूप से कमी आ सकती है. यूक्रेन की रक्षा में अमेरिका के संसाधनों को खर्च करने से वह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से दूर हो जाएगा, जहां चीन और अमेरिका के बीच ज्यादातर कंप्टीशन होगा.