'जो भी फैसले होंगे उन्हें मैं कभी भी स्वीकार नहीं करूंगा', शांति वार्ता में ना बुलाए जाने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा बयान
यूक्रेन को सऊदी अरब में होने वाली आगामी शांति वार्ता में शामिल नहीं किया गया है, जिसमें रूस और अमेरिका के अधिकारियों के बीच वार्ता होनी है. यह शांति प्रक्रिया यूक्रेन में जारी युद्ध के समाधान के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने शांति वार्ता में हिस्सा नहीं दिए जाने के बाद एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह "कभी भी किसी भी निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे जो संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन के बारे में लिया जाएगा." उनका यह बयान उस समय आया जब यूक्रेन को अगले सप्ताह सऊदी अरब में होने वाली शांति वार्ता में रूस और अमेरिकी अधिकारियों के साथ भाग लेने के लिए निमंत्रण नहीं मिला.
जेलेंस्की का कड़ा विरोध
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ तौर पर कहा, "मैं कभी भी यूक्रेन के बारे में अमेरिका और रूस के बीच होने वाले किसी भी निर्णय को स्वीकार नहीं करूंगा. कभी नहीं." उनका यह बयान यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध और देश की संप्रभुता की रक्षा करने की उनकी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
शांति वार्ता में यूक्रेन का अनुपस्थिति
यूक्रेन को सऊदी अरब में होने वाली आगामी शांति वार्ता में शामिल नहीं किया गया है, जिसमें रूस और अमेरिका के अधिकारियों के बीच वार्ता होनी है. यह शांति प्रक्रिया यूक्रेन में जारी युद्ध के समाधान के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, लेकिन यूक्रेन को इन वार्ताओं में बुलाए जाने पर असहमति की स्थिति है.
शांति प्रक्रिया पर यूक्रेन का दृष्टिकोण
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पहले ही इस बात की पुष्टि की थी कि उनकी सरकार शांति वार्ता में तभी भाग लेगी जब इस प्रक्रिया में पूरी तरह से यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाएगा. उनका यह कहना है कि जो भी फैसले यूक्रेन के भविष्य के लिए लिए जाएंगे, उसमें उनके देश को पूरी तरह से शामिल किया जाना चाहिए.