menu-icon
India Daily

'यूक्रेनी सेना नागरिकों को मानव ढाल की तरह कर रही है इस्तेमाल', रूस ने इस शहर पर दागी बैलेस्टिक मिसाइलें दागने के बाद किया दावा

सुमी पर यह हमला अमेरिका के दूत स्टीव विटकॉफ की रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दो दिन बाद हुआ है. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रूस से युद्ध खत्‍म करने का आग्रह करने के बावजूद किया गया है.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
 सूमी पर रूस का मिसाइल हमला
Courtesy: x@ZelenskyyUa

Russia Ukraine War: यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर सूमी पर सोमवार (14 अप्रैल) को हुए रूसी बैलिस्टिक मिसाइल हमले को लेकर रूस ने सफाई दी है. इस दौरान क्रेमलिन ने दावा किया कि यह हमला यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों की एक बैठक को निशाना बनाकर किया गया था, न कि आम नागरिकों को. वहीं, हमले में 20 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एक प्रेस वार्ता में कहा,“हमारी सेना केवल सैन्य और सैन्य-संबंधित ठिकानों को ही निशाना बनाती है.उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस हमले को "रूस की गलती" बताने वाली टिप्पणी गलतफहमी पर आधारित है. पेसकोव ने आगे यह भी आरोप लगाया कि, “यूक्रेनी सुरक्षा बल नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे निर्दोष लोगों की जान खतरे में पड़ रही है.

बैलेस्टिक मिसाइल के हमलों से शहर में मचा मातम

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, सूमी शहर में जब लोग पॉल्म संडे मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे, तभी दो बैलिस्टिक मिसाइलें शहर के केंद्र में आकर गिरीं. बताया जा रहा है कि, ये विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास की इमारतें ध्वस्त हो गईं और कई लोग मलबे में दब गए. इस दौरान एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम त्योहार मना रहे थे, तभी जोरदार धमाका हुआ और सब कुछ धुंए में लिपट गया.

सड़कों-घरों पर हमलों से लोग हुए घायल

यूक्रेन की इमरजेंसी सेवाओं का कहना है कि,"रूस ने शहर के सेंटर पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. बता दें कि, ये अटैक ठीक उस समय हुआ जब सड़क पर बहुत से लोग मौजूथ थे. वहीं, इस भीषण हमले में,"लोग सड़क के बीचों-बीच, कारों, सरकारी परिवहन और घरों में गंभीर रूप से घायल हो गए. हालांकि, अब तक की मिली जानकारी के अनुसार, 21 लोगों की मौत हो गई है. 

मानवाधिकार संगठनों ने की जांच की मांग

इस हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने स्वतंत्र जांच की मांग की है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र ने भी इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है और दोनों पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है.