Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के विनाशकारी हमले के जवाब में आज नाटो के लड़ाकू विमानों को उतारा गया , जिससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है. दरअसल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी ऊर्जा और सैन्य सुविधाओं पर कहर बरपाने के लिए क्रूज मिसाइलों, ड्रोन, रणनीतिक बमवर्षकों और अत्याधुनिक युद्धक विमानों को तैनात किया है. इस हमले के कारण राजधानी कीव में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे त्यौहारी मौसम के दौरान नागरिक अंधेरे में रह गए.
रूस की इस आक्रामकता के जवाब में NATO ने पोलैंड और पूर्वी सीमा के क्षेत्रों में अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया है. इस हमले की आशंका पहले से जताई जा रही थी. NATO ने इसे पूरी तरह से गंभीरता से लिया. यूक्रेनी ऊर्जा मंत्री, हर्मन हलुशचेंको ने फेसबुक पर लिखा, "दुश्मन अपनी आतंकवादी कार्रवाई जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा कर्मचारी ऊर्जा प्रणाली के लिए नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और जल्द ही स्थिति पर अधिक जानकारी दी जाएगी.
रूसी सेना यूक्रेनी पावर ग्रिड को बना रही निशाना
हालांकि, अब तक कोई संकेत नहीं मिले हैं कि पुतिन के "Oreshnik" मिड-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया है, जिनकी ताकत के बारे में रूस के राष्ट्रपति ने इस सप्ताह बयान दिया था. उन्होंने दावा किया था कि यह मिसाइलें इतनी शक्तिशाली हैं कि वे परमाणु हथियारों को अप्रचलित बना सकती हैं. माना जा रहा है कि रूसी सेना यूक्रेनी पावर ग्रिड को निशाना बना रही है
रूस के हमले का यूक्रेन में पड़ा असर
रूस की सेना का लक्ष्य यूक्रेन के पावर ग्रिड को नष्ट करना बताया जा रहा है. रूस ने यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों पर किज़हल बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया है. इस दौरान यूक्रेनी सेना ने कई ड्रोन हमलों की जानकारी दी, जो रात भर देश के ऊपर से गुज़रे, इसके बाद क्रूज मिसाइलों के झुंड ने यूक्रेनी एयरस्पेस में घुसपैठ की.
यह हमला यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली को एक और झटका है. फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से, रूस ने लगातार यूक्रेन की बिजली आपूर्ति प्रणाली पर हमला किया है. इसके कारण, सर्दी के मौसम में यूक्रेन के कई घरों में हीटिंग और पीने के पानी की आपूर्ति बाधित हो चुकी है, जिसका उद्देश्य यूक्रेनी जनता के मनोबल को तोड़ना और युद्ध की स्थिति में उनका हौसला पस्त करना है.
जानिए रूस का क्या है मकसद?
रूस ने पहले ही घोषणा की थी कि वह यूक्रेन के रक्षा उद्योग को कमजोर करने के लिए इन हमलों का सहारा ले रहा है, जो मिसाइलें, ड्रोन, बख्तरबंद वाहन, और तोपखाने जैसे हथियारों का उत्पादन करता है. नवंबर 28 को हुए हमले में लगभग 200 मिसाइलें और ड्रोन शामिल थे, जिससे एक मिलियन से अधिक घरों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई थी, जिसे बाद में आपातकालीन टीमों ने बहाल किया.