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India Daily

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन संघर्ष का होगा अंत! युद्ध खत्म करने को लेकर क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन-ट्रंप बैठक 'जल्द' हो आयोजित

इस बयान से साफ है कि रूस और अमेरिका के बीच रिश्तों में तनाव और जटिलताओं के बावजूद, क्रेमलिन अब सीधे वार्ता के रास्ते पर चलने को तैयार है. यह मुलाकात वैश्विक सुरक्षा और यूरोपीय मामलों में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है, खासकर तब जब रूस की सुरक्षा चिंताएं गहरी होती जा रही हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन
Courtesy: Social Media

Russia Ukraine War: क्रेमलिन ने गुरुवार (13 फरवरी) को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आमने-सामने की बैठक "जल्द" आयोजित करने की आवश्यकता है, क्योंकि दोनों राष्ट्रपतियों के बीच एक दिन पहले फोन पर लंबी बातचीत हुई थी. इसमें युद्ध समाप्त करने के लिए तुरंत वार्ता शुरू करने पर चर्चा की गई. 

सीधी मुलाकात की जरूरत

हाल में पदभार संभालने वाले ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करने का वादा किया था और इस पर कूटनीतिक दिशा में यह उनका पहला बड़ा कदम है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "ऐसी बैठक को जल्दी से जल्दी आयोजित करने की आवश्यकता है, दोनों राष्ट्राध्यक्षों के पास बातचीत करने के लिए बहुत कुछ है.

यूक्रेन और यूरोपीय सुरक्षा पर बातचीत

क्रेमलिन ने यह भी कहा कि वह केवल यूक्रेन पर अमेरिका से बातचीत नहीं चाहता, बल्कि यूरोपीय सुरक्षा और मास्को की "चिंताओं" पर भी चर्चा की उम्मीद करता है. रूस ने 2021 में नाटो से अपनी सीमाओं को 1997 की स्थिति में वापस लाने की मांग की थी.

क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "निश्चित रूप से, यूरोपीय महाद्वीप पर सुरक्षा से संबंधित सभी मुद्दों को, विशेष रूप से उन पहलुओं को जो हमारे देश, रूस संघ, से संबंधित हैं, व्यापक रूप से चर्चा किया जाना चाहिए, और हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा होगा.

 पिछले 3 साल से जारी है रूस-यूक्रेन युद्ध

बता दें कि, युद्ध के शुरुआती महीनों के बाद से कोई शांति वार्ता नहीं हुई है, जोकि अब अपनी तीसरी वर्षगांठ के करीब पहुंच रही है. फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और अधिकांश पश्चिमी नेताओं ने पुतिन के साथ कोई सीधी चर्चा नहीं की थी.