रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ी फर्टिलाइजर की कीमत, आखिर किसानों के खेतों तक कैसे 'खाद' पहुंचा रही मोदी सरकार?

Russia Ukraine War Effect: रूस और यूक्रेन की जंग का असर कई अलग-अलग क्षेत्रों पर पड़ा है. इससे भारतीय किसानी भी अछूता नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से पूरी दुनिया में फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत काफी मात्रा में फर्टिलाइजर आयात करता है. इसके बावजूद मोदी सरकार किसानों के खेतों तक फर्टिलाइजर को कम कीमतों में पहुंचा रही है. किसानों के खेतों पर मोदी सरकार ने बढ़ी कीमतों का असर नहीं पड़ने दिया है.

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Russia Ukraine War Effect: रूस और यूक्रेन के बीच जंग को रोकने के लिए कई देश प्रयास कर रहे हैं. जंग की वजह से कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, इनमें खेती-किसानी भी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन औऱ रूस की जंग की वजह से फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. भारत सबसे ज्यादा फर्टिलाइजर आयात करने वाले देशों में शामिल है. कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद मोदी सरकार किसानों को कम कीमतों में फर्टिलाइजर उपलब्ध करा रही है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक,  नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस जैसे फर्टिलाइजर को रूस निर्यात करता है, लेकिन जंग की वजह से रूस भी फर्टिलाइजर की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं दिख रहा है. इसकी वजह से भारत समेत फर्टिलाइजर मंगवाने वाले देशों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद मोदी सरकार इस संकट से उबर रही है. मोदी सरकार ने किसानों पर बोझ न डालते हुए और उन्हें फर्टिलाइजर की बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 2.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए. ये सब इसलिए ताकि किसानों को इस बढ़ोतरी का किसी भी तरीके से सामना न करना पड़े. 

2023-24 में 1.89 लाख करोड़ सब्सिडी का अनुमान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी का अनुमान 1.89 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से कम है. मोदी सरकार का ये कदम किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है. ये रकम मोदी सरकार किसानों की बेहतरी और उन्हें खाद की बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए उठाए हैं. 

मोदी सरकार की ओर से आवंटित की गई सब्सिडी के लिए करोड़ों की रकम ने किसानों को महंगाई की मार से बचाया है. हालांकि, इससे सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ जरूर पड़ा है. इस फंड के जरिए कई और काम भी हो सकते थे, लेकिन इस सब्सिडी वाले रकम के जरिए मोदी सरकार किसानों का भला करने में जुटी है.

सिर्फ किसानों का ही नहीं, कूटनीतिक संबंधों को भी रखा ख्याल

जानकारों के मुताबिक, मोदी सरकार ने सब्सिडी के जरिए सिर्फ अपने किसानों का ही ख्याल नहीं रखा है, बल्कि इस फैसले से भारत सरकार ने रूस के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को भी और मजबूत किया है. 
हालांकि फिलहाल, मोदी सरकार सब्सिडी के जरिए किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने में जुटी है. लेकिन इसके साथ-साथ सरकार पर बढ़ने वाले बोझ को कम करने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता को भी कम करने की कोशिशों में जुटी है. 

कहा जा रहा है कि फर्टिलाइजर का कम से कम यूज कैसे हो, इसके लिए भी मोदी सरकार टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में जुटी है.