रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा गाजा पट्टी पर "कब्जा" करने और फिलिस्तीनियों को अन्य स्थानों पर फिर से बसाने के प्रस्ताव को सख्त नकारा किया है. यही नहीं ट्रम्प के इस विवादित योजना पर गाजा के निवासियों ने तीव्र विरोध व्यक्त किया है और उन्होंने कहा कि वे अपनी ज़मीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
ट्रम्प का विवादास्पद प्रस्ताव
गाजा सिटी के समीर अबू बासल ने एक चैट ऐप के माध्यम से कहा, "ट्रम्प को अपनी सोच, पैसे और विश्वासों के साथ नर्क में चले जाना चाहिए. हम कहीं नहीं जा रहे हैं. हम उसके संपत्ति नहीं हैं." वह यह भी कहते हैं कि अगर ट्रम्प कश्मीर जैसे संघर्षों को हल करना चाहते हैं, तो उन्हें इजराइलियों को अमेरिका में कहीं बसाना चाहिए क्योंकि इजराइलियों को गाजा की ज़मीन पर कोई अधिकार नहीं है.
गाजा ने जताया विरोध
गाजा के लोग ट्रम्प के प्रस्ताव को पूरी तरह से नकारते हुए कहते हैं कि युद्ध और बमबारी के बावजूद वे अपनी ज़मीन से हटने के लिए तैयार नहीं हैं. एक 65 वर्षीय महिला, उम तामर जमाल ने कहा, "ट्रम्प पागल हैं. हम बमबारी और अकाल के बावजूद गाजा नहीं छोड़े, तो वह हमें कैसे निकाल सकते हैं? हम कहीं नहीं जा रहे हैं."
गाजा के निवासियों का कहना है कि ट्रम्प का प्रस्ताव उनके लिए एक और "नकबा" (आपदा) की तरह है, जैसा कि 1948 में हुआ था जब लाखों फिलिस्तीनी अपने घरों से विस्थापित हुए थे. अब, वे उसी तरह की विस्थापन की आशंका से डरते हैं और इसे रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
फिलिस्तीनी नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विरोध
ट्रम्प के प्रस्ताव की निंदा केवल गाजा के निवासियों ने ही नहीं, बल्कि पूरे फिलिस्तीनी नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी की है. फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने कहा कि फिलिस्तीन अपने अधिकारों, ज़मीन और पवित्र स्थलों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, और गाजा पट्टी, पश्चिमी तट और पूर्वी जेरूसलम को फिलिस्तीनी राज्य का हिस्सा माना जाएगा.
हमास के वरिष्ठ अधिकारी सामी अबू जुहरी ने ट्रम्प के इस विचार को "बेतुका और हास्यास्पद" करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं पूरे क्षेत्र में अशांति फैला सकती हैं और फिलिस्तीनी लोग इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
गाजा में लोगों की स्थिति
गाजा के दक्षिणी हिस्से के खान यौनिस क्षेत्र में, लोगों ने तबाह हो चुकी इमारतों के पास बैठकर कहा कि वे अपने घरों के पुनर्निर्माण का इंतजार कर रहे हैं, न कि उन्हें वहां से बाहर जाने के लिए कहा जाए. अहमत शाहिन ने ट्रम्प को संबोधित करते हुए कहा, "आपने पहले इस तबाही में इजराइल की मदद की है, तो अब आपको हमारे लिए यह ज़मीन पुनर्निर्मित करनी चाहिए. आप हमें बाहर नहीं निकाल सकते."