‘राष्ट्रपति पुतिन शांति देखना चाहेंगे…’ डोनाल्ड ट्रंप ने की रूस को G7 में शामिल होने की वकालत
Trump On Russia: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को रूस को Group of Seven (G7) में पुनः शामिल करने की मजबूत वकालत की. उन्होंने 2014 में रूस के निष्कासन को 'गलती' करार दिया और इसके बाद से रूस की भूमिका को लेकर कई सवाल उठाए.
Trump On Russia: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को रूस को Group of Seven (G7) में पुनः शामिल करने की मजबूत वकालत की. उन्होंने 2014 में रूस के निष्कासन को 'गलती' करार दिया और इसके बाद से रूस की भूमिका को लेकर कई सवाल उठाए. ओवल ऑफिस से मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने ग्लोबल चर्चाओं में रूस की भागीदारी की अहमियत पर जोर दिया और इस बात को भी समझाया है कि उन्हें उम्मीद है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार होंगे.
ट्रंप ने कहा, “मैं चाहूंगा कि रूस G7 में वापस आ जाए. मुझे लगता है कि उन्हें बाहर करना एक गलती थी. मुझे लगता है कि पुतिन वापस आना चाहेंगे. ओबामा और कुछ अन्य लोगों ने गलती की और रूस को बाहर कर दिया. अगर रूस इस ग्रुप का हिस्सा बना रहता, तो शायद यूक्रेन संघर्ष से बच सकता था.”
पुतिन की शांति की इच्छाशक्ति पर ट्रंप का बयान:
ट्रंप ने कहा, “मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति पुतिन, जब मैंने उनसे कल बात की, शांति चाहते हैं. अगर ऐसा नहीं होता, तो मुझे लगता है कि वह मुझे बताते. मुझे लगता है कि वह शांति देखना चाहेंगे.”
रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बुधवार को ट्रंप की "लंबी और काफी प्रोडक्टिव" फोन कॉल हुई, जो 1.5 घंटे तक चली. ट्रंप के अनुसार, दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई. क्रेमलिन ने भी इस कॉल की पुष्टि की और कहा कि दोनों पक्षों ने “साथ काम करने का समय आ चुका है” को स्वीकार किया.
यूक्रेनी राष्ट्रपति से ट्रंप की बातचीत:
पुतिन से बात करने के बाद, ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेन्स्की से भी शांति की दिशा में संभावित कदमों पर चर्चा की. यह अमेरिका की तरफ से एक नई कूटनीतिक पहल को दर्शाता है.
रूस का G7 से निष्कासन:
मार्च 2014 में रूस ने क्रीमिया का अधिग्रहण कर लिया था, जिसके बाद उसे उस समय के G7से बाहर कर दिया गया था. पश्चिमी देशों ने इसकी निंदा की थी. हालांकि रूस की सदस्यता कभी औपचारिक रूप से रद्द नहीं की गई, लेकिन पिछले एक दशक में रूस को समूह में पुनः शामिल करने का मुद्दा समय-समय पर चर्चा का विषय रहा है.