Russia-Ukraine War: क्या नई जंग की तैयारी में है रूस! स्कूल में ही बच्चों को दी जा रही युद्धस्थल जैसी खतरनाक ट्रेनिंग

Russia-Ukraine War: रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि रूस सेना में भर्ती करने के लिए स्कूली बच्चों को सहारा ले रहा है. इन बच्चों का इस्तेमाल वह चाइल्ड आर्मी के तौैर पर कर रहा है.

Shubhank Agnihotri

Russia-Ukraine War: रूस जंग की तैयारी के लिए अब बच्चों का इस्तेमाल करने जा रहा है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, काला सागर के आस-पास के क्षेत्रों में वह बच्चों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही हथियार और बम फेंकना सिखा रहा है. उन्हें देश की रक्षा करने की सीख दी जा रही है.  रिपोर्ट के मुताबिक रूस पर चाइल्ड आर्मी तैयार करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. जानकार इसे रूस की भविष्य की योजना के तौर पर सैन्य बलों की मजबूती के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं.


यूक्रेन जंग के बाद स्कूलों में बढ़ा सैन्यीकरण


रूस सरकार ने बच्चों के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए यूक्रेन जंग को सही ठहराया है. पिछले महीने ही रूस ने बच्चों के लिए नई हिस्ट्री बुक रिलीज की थीं.  रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन से जंग के बाद रूस के स्कूलों में सैन्यीकरण को बढ़ावा मिला है. इन स्कूलों में 7-8 साल के बच्चों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी जा रही है.


मिलिट्री यूनिफॉर्म में कराई जा रही ट्रेनिंग

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल में ही बच्चों को मिलिट्री ट्रेनिंग मुहैया कराई जा रही है. इसमें उन्हें ऑटोमेटिक गन चलाना, मशीन गन को असेंबल करना और किसी भी तरह की बाधा को पार करने के बारे में ट्रेंड किया जा रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को आर्मी और नेवी की यूनिफॉर्म में परेड कराई जा रही है.


चाइल्ड आर्मी तैयार कर रहे पुतिन


रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद मानवाधिकार संगठन ने आरोप लगाया था कि रूस 16 साल के बच्चों को सेना में भर्ती कर रहा है. एक अधिकारी ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति मुख्यालय क्रेमलिन पूर्वी यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ाने के लिए बच्चों की जबरन सेना में भर्ती कर रहा है. अधिकारी ने पुतिन के ऊपर चाइल्ड आर्मी तैयार करने का आरोप लगाया था.


सरकार बच्चों को क्या समझा रही जानिए?

रूस अपने यूक्रेन के ऊपर हमले को स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन कहता रहा है. यही बात वह बच्चों को भी समझाने का प्रयास कर रहा है. इन्हीं प्रयासों के चलते उसने हिस्ट्री की किताबों का सिलेबस बदल दिया था. बदली गई किताब में लिखा है कि यूक्रेन में डिमिलिटराइजेशन और डीनाइजीफिकेशन की बेहद आवश्यकता थी. इस पर रूस के शिक्षामंत्री ने कहा था कि इस बदलाव को रूसी बच्चों को समझाना है.  डिमिलिटराइज एरिया ऐसे क्षेत्र को कहते हैं जहां सुख, शांति होती है यानी यहां सेना की जरूरत नहीं होती है. वहीं डीनाइजीफिकेशन का अर्थ होता है दबाने की मानसिकता के उलट आजादी देना. जिससे लोग अपनी आजादी को महसूस कर सकें. उन्हें किसी बात का डर न हो और वे अपनी विचारधारा के अनुरूप फैसला ले सकें.


बच्चों को समझाया जाएगा जंग का मकसद

शिक्षा मंत्री सेर्गेय क्रासवतोव ने कहा कि नई किताबों के जरिए बच्चों को स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का मतलब समझाया जाएगा. उन्हें रूस के यूक्रेन के ऊपर चलाए गए इस ऑपरेशन के उद्देश्य के बारे में बताया जाएगा. इस दौरान उन्होंने कहा था कि रूस की यूक्रेन पर जीत के बाद किताबों में नए अध्यायों को बी जोड़ दिया जाएगा. इन किताबों रूस की ओर से 2014 में क्रीमिया के ऊपर कब्जा किए जाने का भी जिक्र है.

 

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