Russia Cancer Vaccine: दुनिया भर में साल 2019 में तबाही मची थी, देखते ही देखते पूरी दुनिया कोविड-19 के कारण पिंजरे में कैद हो गया था. हालांकि दो सालों के अंदर पूरी दुनिया इससे परेशानी को खत्म करने में कामयाब रही. हालांकि अभी भी एक बीमारी है जिसका इलाज दुनिया में कहीं नहीं मिल पाया है. इस बीमारी के बारे में सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं. ये बीमारी कुछ और नहीं बल्कि तेजी से बढ़ रहा कैंसर है.
हालांकि अब रुस ने अपनी घोषणा से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. रूसी सरकार का कहना है कि उसने कैंसर के खिलाफ़ अपना खुद का टीका विकसित किया है. उम्मीद है कि यह टीका 2025 की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो इसे सदी की सबसे बड़ी खोज कही जा सकती है.
रूसी समाचार एजेंसी TASS ने बताया कि रूस ने कैंसर के खिलाफ़ अपना खुद का mRNA टीका विकसित किया है. गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने TASS को बताया कि टीके के प्री-क्लीनिकल परीक्षणों से पता चला है कि यह ट्यूमर के विकास और संभावित मेटास्टेसिस को दबाता है. इस साल की शुरुआत में, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टेलीविज़न पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम तथाकथित कैंसर के टीके और नई पीढ़ी की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाओं के निर्माण के बहुत करीब आ गए हैं. एआई एक घंटे में वैक्सीन विकसित कर सकता है
टीका परीक्षणों के बीच रूस के वैक्सीन प्रमुख गिंट्सबर्ग ने मीडिया को बताया कि AI नेटवर्क का उपयोग व्यक्तिगत कैंसर वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग की अवधि को कम कर सकता है, जो वर्तमान में एक लंबी प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि इसकी मद से एक घंटे से भी कम समय में वैक्सीन तैयार की जा सकती है. उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत वैक्सीन बनाने में काफी समय लगता है क्योंकि वैक्सीन या कस्टमाइज्ड mRNA को कैसा दिखना चाहिए, इसकी गणना गणितीय शब्दों में मैट्रिक्स विधियों का उपयोग करती है. हमने इवाननिकोव इंस्टीट्यूट को शामिल किया है जो इस गणित को करने में एआई पर निर्भर करेगा, अर्थात् न्यूरल नेटवर्क कंप्यूटिंग जहां इन प्रक्रियाओं में लगभग आधे घंटे से एक घंटे का समय लगना चाहिए.
HPV वैक्सीन जैसे निवारक टीके कैंसर से जुड़े वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं. जिससे सर्वाइकल कैंसर जैसे कुछ कैंसर का जोखिम कम होता है. शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को बढ़ाकर, टीके ट्यूमर के विकास को धीमा कर सकते हैं. पुनरावृत्ति को रोक सकते हैं या यहां तक कि प्रारंभिक चरण के कैंसर को भी खत्म कर सकते हैं. जो ऑन्कोलॉजी में एक लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.