इंडिया के दोस्त के एक्शन से बांग्लादेश में टेंशन, पैसा चुकाने के लिए दी बस इतनी सी 'मोहलत'

Russia Bangladesh News: भारत के दोस्त रूस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से दिए गए कर्ज पर ब्याज का भुगतान करने को कहा है. रूसी अधिकारियों ने इसके लिए ढाका को एक समयसीमा भी दी है. रूस ने बांग्लादेश को 15 सितंबर तक 5300 करोड़ रुपये चुकाने की मोहलत दी है.

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Russia Bangladesh News: भारत के दोस्त रूस ने बांग्लादेश सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. रूस ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को रविवार (15 सितंबर) तक रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए दिए गए ऋण का ब्याज चुकाने को कहा है. रूसी अधिकारियों ने ढाका से वर्तमान ब्याज के रूप में 630 मिलियन डॉलर का भुगतान करने को कहा है. 

रूसी अधिकारियों द्वारा बांग्लादेश के आर्थिक संबंध प्रभाग (ERD) को 21 अगस्त को लिखे गए पत्र के अनुसार, ढाका पर 15 मार्च 2022 से 15 मार्च 2024 तक की अवधि के लिए ब्याज और जुर्माना शुल्क के रूप में 480 मिलियन डॉलर बकाया है.  इसके अतिरिक्त, 16 मार्च से 15 सितंबर 2024 तक की अवधि के लिए 150 मिलियन डॉलर का ब्याज बाकी है. रूस ने कहा कि यह भुगतान अमेरिकी डॉलर या चीनी युयान में किया जाए. उन्होंने इस ब्याज को बैंक ऑफ शंघाई में जमा करने का अनुरोध भी किया है. 

नहीं तो चुकाना होगा और ब्याज 

रिपोर्ट के अनुसार, कि रूस ने 12.65 बिलियन डॉलर का ऋण दिया है. इस पर अधिकतम ब्याज की दर 4 प्रतिशत है. हालांकि तय समयसीमा में भुगतान करने में विफल होने पर 2.4 फीसदी का अतिरिक्त ब्याज देना होगा. इस भुगतान की अंतिम तिथि 15 सितम्बर है जो रविवार है. इसके अगले दो दिन यानी 16 और 17 सितंबर को चीनी बैंक बंद रहेंगे. ऐसे में ढाका के पास 18 सितंबर तक कर्ज का ब्याज चुकाने का वक्त है. 

बांग्लादेश पर अडाणी समूह का कर्ज 

बांग्लादेश पर भारतीय समूह अडानी समूह और उसकी सहायक कंपनी अडानी पावर का भी बहुत बड़ा हिस्सा बकाया है. नवंबर 2017 में, अडानी पावर (झारखंड) लिमिटेड (एपीजेएल) ने पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ 25 साल के लिए 1496 मेगावाट का सौदा किया था. इस समझौते के तहत, बांग्लादेश एपीजेएल के गोड्डा संयंत्र द्वारा उत्पादित 100 प्रतिशत बिजली खरीद रहा था. यह प्लांट बांग्लादेश की बिजली जरूरतों की 10 फीसदी मांग को पूरा करता है. बांग्लादेश अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड से 100 मिलियन डॉलर की मासिक बिजली खरीद करता है जबकि वह सिर्फ 20 मिलियन डॉलर का औसतन भुगतान कर पाया है.