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India Daily

रूसी आबादी वाले देशों पर आक्रमण कर सकता है रूस, जेलेंस्की ने क्यों कही ये बात?

ज़ेलेंस्की के दावे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है. यह स्पष्ट नहीं है कि उनके दावे कितने सही हैं, लेकिन यह निश्चित है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अभी भी बहुत अधिक है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर बारीकी से नजर रखने और किसी भी संभावित संघर्ष को रोकने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Russia can attack countries with large Russian population Zelensky said

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने उन देशों पर रूसी आक्रमण के खतरे की आशंका जताई है जहां बड़ी संख्या में रूसी आबादी रहती है. जेलेंस्की के इस दावे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है और कई विश्लेषकों ने उनके दावों की सत्यता पर सवाल उठाए हैं.

जेलेंस्की के दावे का आधार

जेलेंस्की का तर्क है कि रूस अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने के लिए "ब्रेनरोट" और भय फैलाने की रणनीति का उपयोग कर रहा है. उनका मानना है कि रूसी सरकार उन देशों में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही है जहां रूसी भाषी लोग रहते हैं, ताकि वहां हस्तक्षेप करने का बहाना मिल सके.

ज़ेलेंस्की ने विशेष रूप से उन बाल्टिक राज्यों और पूर्वी यूरोपीय देशों का उल्लेख किया है जहां रूसी अल्पसंख्यक आबादी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि रूस इन देशों में "हाइब्रिड युद्ध" छेड़ने की कोशिश कर सकता है, जिसमें साइबर हमले, दुष्प्रचार और गुप्त अभियान शामिल होंगे.

जेलेंस्की के दावों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ज़ेलेंस्की के दावों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है. कुछ देशों ने उनकी चिंताओं को साझा किया है और रूस के आक्रामक व्यवहार की निंदा की है. हालांकि, कई विश्लेषकों ने ज़ेलेंस्की के दावों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने वाला बताया है और उनकी सत्यता पर सवाल उठाए हैं.

कुछ विश्लेषकों का तर्क है कि ज़ेलेंस्की का उद्देश्य अपने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना और रूस पर दबाव बढ़ाना है. उनका मानना है कि ज़ेलेंस्की जानबूझकर भय का माहौल बना रहे हैं ताकि पश्चिमी देशों को यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता देने के लिए राजी किया जा सके.

रूस ने किया जेलेंस्की के दावे को खारिज

रूसी सरकार ने ज़ेलेंस्की के दावों को खारिज कर दिया है और उन पर "रूसी-विरोधी प्रचार" फैलाने का आरोप लगाया है. रूस का कहना है कि वह किसी भी देश पर आक्रमण करने की योजना नहीं बना रहा है और वह केवल अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में रुचि रखता है.

हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि रूस का व्यवहार संदिग्ध है और वह अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने के लिए किसी भी अवसर का लाभ उठा सकता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि रूस उन देशों में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हो सकता है जहां उसे लगता है कि उसके हित खतरे में हैं.