यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने उन देशों पर रूसी आक्रमण के खतरे की आशंका जताई है जहां बड़ी संख्या में रूसी आबादी रहती है. जेलेंस्की के इस दावे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है और कई विश्लेषकों ने उनके दावों की सत्यता पर सवाल उठाए हैं.
जेलेंस्की के दावे का आधार
जेलेंस्की का तर्क है कि रूस अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने के लिए "ब्रेनरोट" और भय फैलाने की रणनीति का उपयोग कर रहा है. उनका मानना है कि रूसी सरकार उन देशों में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही है जहां रूसी भाषी लोग रहते हैं, ताकि वहां हस्तक्षेप करने का बहाना मिल सके.
Zelensky claims countries with significant Russian population are at risk of Russian invasion because... reasons
— RT (@RT_com) February 24, 2025
Brainrot fearmongering pic.twitter.com/Jlf9DvQZty
ज़ेलेंस्की ने विशेष रूप से उन बाल्टिक राज्यों और पूर्वी यूरोपीय देशों का उल्लेख किया है जहां रूसी अल्पसंख्यक आबादी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि रूस इन देशों में "हाइब्रिड युद्ध" छेड़ने की कोशिश कर सकता है, जिसमें साइबर हमले, दुष्प्रचार और गुप्त अभियान शामिल होंगे.
जेलेंस्की के दावों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ज़ेलेंस्की के दावों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है. कुछ देशों ने उनकी चिंताओं को साझा किया है और रूस के आक्रामक व्यवहार की निंदा की है. हालांकि, कई विश्लेषकों ने ज़ेलेंस्की के दावों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने वाला बताया है और उनकी सत्यता पर सवाल उठाए हैं.
कुछ विश्लेषकों का तर्क है कि ज़ेलेंस्की का उद्देश्य अपने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना और रूस पर दबाव बढ़ाना है. उनका मानना है कि ज़ेलेंस्की जानबूझकर भय का माहौल बना रहे हैं ताकि पश्चिमी देशों को यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता देने के लिए राजी किया जा सके.
रूस ने किया जेलेंस्की के दावे को खारिज
रूसी सरकार ने ज़ेलेंस्की के दावों को खारिज कर दिया है और उन पर "रूसी-विरोधी प्रचार" फैलाने का आरोप लगाया है. रूस का कहना है कि वह किसी भी देश पर आक्रमण करने की योजना नहीं बना रहा है और वह केवल अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में रुचि रखता है.
हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि रूस का व्यवहार संदिग्ध है और वह अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने के लिए किसी भी अवसर का लाभ उठा सकता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि रूस उन देशों में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हो सकता है जहां उसे लगता है कि उसके हित खतरे में हैं.