Russia attacked Indian pharmaceutical company based in Ukraine: रूस ने यूक्रेन स्थिति एक भारतीय दवा निर्माता कंपनी "कुसुम" के गोदाम पर ड्रोन से हमला किया. यह हमला यूक्रेन के कीव शहर में हुआ, और इसमें भारतीय कंपनी की दवाइयों का भारी नुकसान हुआ.
सामने आया हमले का खौफनाक वीडियो
यूक्रेन दूतावास ने अपनी पोस्ट में कहा कि रूस, जो भारत के साथ अपने रिश्तों को "विशेष दोस्ती" का दावा करता है, जानबूझकर भारतीय व्यवसायों को निशाना बना रहा है. यूक्रेन दूतावास ने यह आरोप लगाया कि रूस भारतीय दवाइयों को नष्ट कर रहा है, जिनका उद्देश्य बच्चों और बुजुर्गों के इलाज के लिए था.
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— ENP 166 (@ENP_Intel) April 12, 2025
Russia has carried out a missile strike on an Indian government munitions depot in Ukraine, reportedly for allegedly supplying 155mm shells to Ukraine. Tragically, all Indian personnel present at the warehouse have been killed. pic.twitter.com/atmyuhZB0D
यूक्रेन दूतावास का कहना था कि रूस की ये कार्रवाइयाँ विशेष रूप से निर्दोष नागरिकों के खिलाफ आतंक का हिस्सा हैं. यह हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब दुनिया भर में युद्ध के कारण मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है.
रूसी ड्रोन ने जब यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर हमला किया उसके तुरंत बाद का वीडियो https://t.co/jdClmYpNnC pic.twitter.com/32d2CLJLmC
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) April 12, 2025
ब्रिटिश राजदूत का बयान
यूक्रेन में ब्रिटिश राजदूत, मार्टिन हैरिस, ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि रूस के ड्रोन हमले ने कीव में एक बड़े दवा गोदाम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के लिए आवश्यक दवाइयों की भारी कमी हो गई. उन्होंने इस हमले को रूस की "आतंकवादी नीति" का हिस्सा बताया, जो नागरिकों को निशाना बना कर उनकी ज़िंदगी को और कठिन बना रहा है.
—- Warehouse after being stuck by a Missile. Warehouse belongs to an Indian company pic.twitter.com/jkRJmOhMkr
— Siddhant Mishra (@siddhantvm) April 12, 2025
रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष फरवरी 2022 में उस समय शुरू हुआ था जब रूस ने यूक्रेन पर पूरी तरह से हमला किया था. रूस का कहना था कि वह पूर्वी यूक्रेन में रह रहे रूसी भाषी लोगों की सुरक्षा के लिए यह कार्रवाई कर रहा है और नाटो (NATO) के विस्तार को रोकने की कोशिश कर रहा है.
इस संघर्ष में कीव और खरकीव जैसे बड़े शहरों को कई बार निशाना बनाया गया, और लाखों यूक्रेनी नागरिक अपने घरों से बेघर हो चुके हैं. इसके अलावा, युद्ध के कारण दुनियाभर में मानवीय संकट बढ़ गया है, जिससे न केवल यूक्रेन, बल्कि अन्य देशों में भी आर्थिक और सामाजिक दबाव बढ़ रहा है.
ताजे घटनाक्रम और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूक्रेन और रूस के विदेश मंत्रियों ने हाल ही में तुर्की में आयोजित एंटाल्या डिप्लोमेसी फोरम में एक-दूसरे पर संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप लगाया. यह संघर्ष विराम समझौता अमेरिकी मध्यस्थता में हुआ था, जिसका उद्देश्य ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकना था. हालांकि, दोनों देशों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है, खासकर जब अलग-अलग बातचीत के बाद कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकल पाया.