Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस ने लगाए धोखा देने के आरोप, रूस के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर किए ताबड़तोड़ हमले

यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव और संघर्ष विराम समझौतों के उल्लंघन से स्थिति और ज्यादा जटिल होती जा रही है. भविष्य में क्या होगा, यह समय ही बताएगा, लेकिन दोनों पक्षों के लिए एक स्थायी समाधान की तलाश बेहद जरूरी हो गई है.

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Russia Ukraine War: तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध पर सीजफायर की बात सिर्फ मजाक बनकर रह गई है. इस बीच रूस ने शुक्रवार (28 मार्च) को यूक्रेन पर आरोप लगाया कि उसने रूस के ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर पर रॉकेटों और दर्जनों ड्रोन से हमला किया, जो मास्को के अनुसार, यूक्रेन की तरफ से किए गए उन वादों का उल्लंघन था, जिनमें ऊर्जा ढांचे पर हमले बंद करने की बात की गई थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सरकार का कहना है कि 18 मार्च से एक 30 दिन की संघर्ष विराम योजना लागू हुई है, जो विशेष रूप से ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमलों को रोकने के लिए थी. हालांकि, इस संघर्ष विराम की निगरानी पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जहां दोनों देशों ने एक-दूसरे पर इसे बार-बार तोड़ने का आरोप लगाया है.

 

यूक्रेन ने रूस पर किए ताबड़तोड़ हमले

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, "पिछले 24 घंटों में, कीव शासन ने कई तरह के ड्रोन और HIMARS मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल करते हुए रूसी ऊर्जा बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले जारी रखे." मंत्रालय ने यह भी कहा कि यूक्रेन ने पहले के हमले से पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुके कुर्स्क क्षेत्र के सुद्जा गैस मीटरिंग स्टेशन पर रॉकेट फेंके, साथ ही सेंट्रल रूस में साराटोव तेल रिफाइनरी पर 19 ड्रोन छोड़े.

जानें व्हाइट हाउस ने क्या कहा था?

हालांकि, बीते मंगलवार को व्हाइट हाउस ने कहा था कि कीव और मास्को दोनों ने अलग-अलग तरीके से "ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने के लिए उपायों पर काम करने" पर सहमति जताई थी, जो सऊदी अरब में हुई वार्ता के बाद था. वहीं, कीव का कहना है कि रूस ने अपनी ही प्रतिबद्धता का उल्लंघन करते हुए यूक्रेनी ऊर्जा लक्ष्यों पर कई बार हमले किए हैं. साथ ही उसने अमेरिका से इस पर प्रतिक्रिया देने की मांग की है.