ब्रिटेन में आम चुनावों से पहले ऋषि सुनक ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसकी वजह से उन्हें आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है. उन्होंने 17 बिलियन डॉलर टैक्स कट का ऐलान किया है, जिसकी वजह से लोग कह रहे हैं कि वे धनी वोटरों को लुभाने के लिए ऐसे चुनावी वादे कर रहे हैं. उन्होंने ज्यादा टैक्स कट का ऐलान किया है. कंजर्वेटिव पार्टी के मेनिफेस्टो में मंगलवार को उन्होंने वादा किया कि अगर वे 4 जुलाई को होने वाले चुनाव में जीतते हैं तो पहली बार घर खरीदने वाले लोगों की मदद करेंगे.
ऋषि सुनक का कहना है कि अगर उनकी विपक्षी पार्टी को सत्ता मिली तो ब्रिटेन सरकार घाटे में आ जाएगी और अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी. ऋषि सुनकर को उम्मीद है कि उनकी सरकार, लेबर पार्टी के खिलाफ जीत दर्ज करेगी. अपने मेनिफेस्टो को लॉन्च करते हुए ऋषि सुनक ने कहा कि हम टैक्स में कटौती करेंगे. हम उन योजनाओं को लॉन्च करेंगे, जिनका बोझ जनता पर कम पड़े. ऋषि सुनक ने वादा किया है कि अगर वे जीतते हैं तो 17 बिलियन पाउंड टैक्स में कटौती करेंगे. वे सोशल वेलफेयर पर 6 बिलियन पाउंड खर्च करेंगे और टैक्स चोरी को खत्म करने की कोशिश करेंगे.
ऋषि सुनक के वादे अधूरे भी रह सकते हैं. साल 2015 में पूर्व वित्त मंत्री जॉर्ज ओसबोर्न ने ऐसा ही एक वादा किया था. वे भी नहीं पूरा कर पाए थे. यूकी की राजकोषीय नीतियां ऐसी हैं, जिनके आधार पर इतने बड़े दावे नहीं किए जा सकते हैं. उन्होंने भी वादा किया था के वे भी पहली बार घर खरीद रहे लोगों की मदद करेंगे.
ऋषि सुनक के ब्रिटेन में दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. उनकी कंजर्वेटिव पार्टी की तुलना में लेबर पार्टी ज्यादा बढ़त हासिल करती नजर आ रही है. लोग पूछ रहे हैं कि बीते 14 साल की सत्ता में ब्रिटेन के लिए आपकी पार्टी ने किया गया है. कंजर्वेटिवों नेताओं को अब दक्षिणपंथी रिफॉर्म यूके पार्टी से भी निपटना पड़ रहा है. ब्रेग्जिट को लेकर ये पार्टी कंजर्वेटिव नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोले हुई है.
आम चुनावों में अभी लेबर पार्टी का माहौल साफ नजर आ रहा है. ऋषि सुनक का कहना है कि लेबर पार्टी की जनता वादी नीतियां, ब्रिटेन के आर्थिक विकास को पटरी से उतार देंगी. लेबर पार्टी आई तो टैक्स बढ़ाएगी और अपने वादों को पूरा करने के लिए आर्थिक रूप से संपन्न लोगों पर बोझ डालेगी, जिससे विकास रुकेगा.
ऋषि सुनकर, टैक्स कटौती के पक्ष में कोई बदलाव नहीं चाहती है. अब तक के हुए सर्वेक्षणों से पता चला है कि उनकी पार्टी की तुलना में लेबर पार्टी को बढ़त है. वे बदलाव चाहते हैं. सार्वजनिक सेवाओं में निवेश चाहते हैं. बीते 3 साल में दुकानों की कीमतें बढ़ी हैं, चीजें बेतहाशा महंगी हुई हैं. लेबर पार्टी का कहना है कि कंजर्वेटिव पार्टियां, सिर्फ माहौल बना रही हैं. हम न तो ज्यादा टैक्स लगाएंगे, न ही नेशनल बीमा पॉलिसी में बदलाव करेंगे.
ऋषि सुनक भारतवंशी मूल के हैं. लेबर पार्टी का एक धड़ा मानता है कि वे ब्रिटेन के लिए सही प्रधानमंत्री नहीं हैं. उनके हिंदुत्व कनेक्शन को लेकर भी लेबर पार्टी का रुख बहुत अच्छा नहीं है. ऋषि सुनक सार्वजनिक मंचों से भी दोहरा चुके हैं कि वे एक प्राउड हिंदू हैं, उन्हें मंदिर जाना, पूजा करना, त्योहार मनाना पसंद है. लेबर पार्टी को उनके इस रुख पर भी ऐतराज है. लेबर पार्टी से हिंदुओं का मोहभंग भी हो चुका है.
करीब 4 महीने पहले, लेबर पार्टी के नेताओं की ओर से हिंदुओं को रिझाने की कोशिश की जा रही थी. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक लेबर पार्टी से भारतवंशियों का तगड़ा मोहभंग हुआ है. साल 2010 में 61 फीसदी ब्रिटिश भारतीयों ने दावा किया था कि वे लेबर पार्टी के साथ हैं लेकिन साल 2019 तक, इसमें 30 फीसदी की सीधे गिरावट आ गई.
अब ऋषि सुनक को हिंदू वोटरों का सहारा है. ब्रिटेन में 10 लाख हिंदू रहते हैं, ऐसे में ऋषि सुनक के हिंदुस्तानी कनेक्शन को लेकर बड़ा समर्थन मिल सकता है. हिंदुओं की मांग है कि ऋषि सुनक अपने मेनिफेस्टो में हिंदुओं और भारतीय समुदायों के खिलाफ हेट क्राइम को लेकर भी कोई ऐलान करें. अगर ये दांव सही पड़ गया तो ऋषि सुनक की चुनावी नैया पार हो सकती है.