Bimstec Summit 2025: PM मोदी बैंकॉक में बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस से कर सकते हैं मुलाकात, खटास भरे रिश्तों के बीच क्या आएगी नरमी?
Bimstec Summit 2025: फिलहाल, बांग्लादेश सरकार इस बैठक को लेकर आशावादी नजर आ रही है और बांग्लादेश के सलाहकार खालिलुर रहमान ने भी मीडिया से कहा कि इस बैठक के होने की संभावना काफी अधिक है.
Bimstec Summit 2025: 2025 के बिम्सटेक समिट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के बीच पहली बार द्विपक्षीय बैठक होने जा रही है. यह बैठक बैंकॉक में आयोजित होने वाली बिम्सटेक समिट के दौरान होगी. बांग्लादेश के मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बैठक ढाका के अनुरोध पर हो रही है.
मोदी और यूनुस के बीच पहली बैठक
यूएनबी (United News of Bangladesh) के अनुसार, बांग्लादेश और भारत के अधिकारियों ने इस बैठक के बारे में जानकारी दी. यह बैठक उस समय हो रही है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते कुछ खटास भरे हुए हैं. बांग्लादेश की ओर से बैठक के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया गया था. ढाका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, "मैं यह कह सकता हूं कि बैठक होगी." इसके साथ ही भारतीय पक्ष से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.
हालांकि, यह बैठक उस समय हो रही है जब बांग्लादेश में एक नई राजनीतिक स्थिति बन चुकी है. पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर किया गया था और इसके बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया गया था. अगर यह बैठक होती है, तो यह दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक मुलाकात होगी.
बांग्लादेश में धार्मिक तनाव और भारत-बांग्लादेश रिश्तों में खटास
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बढ़ा है. शेख हसीना के शासन के दौरान बांग्लादेश में भारत के साथ अच्छे रिश्ते थे, लेकिन मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के रिश्ते थोड़े उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं. खासतौर पर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमले और हिंसा ने भारत के साथ तनाव को बढ़ाया है.
बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल ने 1 मार्च, 2025 को एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि 4 अगस्त से 31 दिसंबर, 2024 के बीच 2,184 हमले अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हुए थे. बांग्लादेश सरकार ने इन हमलों को राजनीति से प्रेरित बताया था, लेकिन इसने भारत के साथ रिश्तों को प्रभावित किया.
चीन के साथ मोहम्मद यूनुस की यात्रा और विवाद
मोहम्मद यूनुस की चीन यात्रा भी एक विवाद का कारण बनी है. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान चीन से बांग्लादेश के लिए आर्थिक निवेश बढ़ाने की अपील की थी. यूनुस ने यह भी कहा कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों का भौगोलिक स्थान एक बड़ा अवसर बना सकता है, क्योंकि यह क्षेत्र समुद्र से जुड़ा नहीं है और बांग्लादेश इस स्थिति का लाभ उठा सकता है.
यूनुस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद यह बयान दिया था कि बांग्लादेश ही इस क्षेत्र में "समुद्र का केवल संरक्षक" है और यह स्थिति चीन के आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक अवसर हो सकता है. उनके इस बयान से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में और भी तनाव आ सकता था.
क्या आएगी नरमी?
भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, मोदी और यूनुस के बीच यह बैठक द्विपक्षीय रिश्तों में नरमी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है. बांग्लादेश के विदेश सचिव Md. Jashim Uddin ने कहा है कि इस बैठक से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो सकता है. भारत और बांग्लादेश के नेताओं के बीच संवाद से उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच कुछ समाधान निकल सकता है.