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India Daily

RBI का बड़ा एक्शन, Co- Operative Bank पर लगा प्रतिबंध; जानें अब कैसे निकलेगा आपका पैसा?

भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे ग्राहकों में चिंता और निराशा का माहौल है. यदि आप भी इस बैंक के ग्राहक हैं, तो आइए हम आपको उपलब्ध विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं.

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Edited By: Ritu Sharma
New India Cooperative Bank
Courtesy: New India Cooperative Bank

New India Cooperative Bank: मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-Operative Bank) पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. इस फैसले के बाद बैंक के ग्राहकों में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में लोग अपनी जमा पूंजी निकालने के लिए बैंक शाखाओं के बाहर लंबी कतारों में खड़े हो गए. कई ग्राहकों ने शिकायत की कि बैंक प्रबंधन से उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा और बैंक की हेल्पलाइन तथा ऐप भी काम नहीं कर रहे हैं.

नहीं निकाल सकेंगे जमा पूंजी

बता दें कि आरबीआई के निर्देशानुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारक किसी भी खाते से पैसे की निकासी नहीं कर सकेंगे. यह आदेश गुरुवार को कारोबार बंद होने के बाद लागू किया गया और अगले छह महीने तक प्रभावी रहेगा. रिजर्व बैंक ने बताया कि यह फैसला बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति और उसकी निगरानी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हालांकि, बैंक आवश्यक खर्चों जैसे कर्मचारियों की सैलरी, किराया और बिजली बिल के भुगतान के लिए धन का उपयोग कर सकता है, लेकिन कोई नया लोन जारी नहीं कर पाएगा.

5 लाख रुपये तक की जमा राशि की सुरक्षा

वहीं डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत बैंक के जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की जमा राशि की सुरक्षा मिलेगी. यानी अगर किसी ग्राहक की जमा राशि 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे यह राशि वापस मिल जाएगी. यदि किसी खाताधारक का बैंक में कोई लोन बकाया है, तो बैंक खाते में जमा राशि को उस लोन के भुगतान के लिए समायोजित कर सकता है.

बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार गिरती जा रही थी. मार्च 2024 में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में बैंक को 22 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ. हालांकि, आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध बैंक का लाइसेंस रद्द करने का संकेत नहीं है. बैंक की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और आरबीआई आवश्यकतानुसार आगे के कदम उठाएगा.

ग्राहकों में चिंता, आगे क्या होगा?

बताते चले कि बैंक पर पाबंदियां लगने के बाद ग्राहक चिंतित हैं और अपने धन को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं. कई ग्राहकों ने कहा कि वे अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन बैंक की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा. यह देखना होगा कि आरबीआई इस बैंक को संकट से उबारने के लिए क्या कदम उठाता है.