UK Got his First Female Finance Minister: ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. ऋषि सुनक अब इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हो चुके हैं. आम चुनाव में उनकी पार्टी को करारी शिकस्त मिली है. जनता ने लेबर पार्टी की सरकार चुनी है. 650 सीटों में से लेबर पार्टी को 412 सीटों पर जीत मिली जबकि कंजर्वेटिव पार्टी को मात्र 120 सीटें ही मिली. किएर स्टार्मर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं. उन्होंने अपनी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार करना शुरू कर दिया है. एंजेला रेनर को उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है. वहीं, रेचल रीव्स ब्रिटेन पहली महिला चांसलर ऑफ एक्सचेकर बनीं हैं. चांसलर ऑफ एक्सचेकर मतलब फाइनेंस मिनिस्टर.
पहली महिला चांसलर बनने पर रचेल रीव्स ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा- "मेरे लिए यह जीवन का सम्मान है कि मुझे चांसलर ऑफ एक्सचेकर नियुक्त किया गया. आर्थिक विकास लेबर पार्टी का मिशन था. अब यह एक राष्ट्रीय मिशन है. चलिए काम पर लग जाते हैं."
रेचल रीव्स 708 साल के इतिहास में इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैंकिंग सेक्टर से की थी. अब वह ब्रिटेन की फाइनेंस मिनिस्ट्री का कार्यभार संभालेंगे.
It is the honour of my life to have been appointed Chancellor of the Exchequer.
— Rachel Reeves (@RachelReevesMP) July 5, 2024
Economic growth was the Labour Party’s mission. It is now a national mission.
Let’s get to work. pic.twitter.com/PchJFePDJa
एंजेला रेनर - उप-प्रधानमंत्री
रचेल रीव्स - वित्त मंत्री
डेविड लैमी - विदेश मंत्री
वेची कूपर - गृह मंत्री
जॉन हीली - रक्षा मंत्री
व्यापार और वाणिज्य मंत्री- जोनाथन रेनॉल्ड्स
परिवहन मंत्री- लुईस हेघ
शिक्षा मंत्री- ब्रिजेट फिलिप्सन
ऊर्जा मंत्री- एड मिलिबैंड
ब्रिटेन के इस चुनाव में इस बार भारतवंशियों का जलवा रहा है. अभी तक की रिपोर्ट्स के अनुसार 2024 के आम चुनाव में 19 भारतवंशी नेताओं को ब्रिटेन के आम चुनाव में जीत मिली है. 2017 में यह संख्या 10 और 2019 में 15 थी.
2021 में लेबर पार्टी की वित्त नीति प्रमुख के रूप में नियुक्त होने के बाद से, रीव्स ने पार्टी के व्यापारिक समुदाय के साथ संबंधों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व अर्थशास्त्री और जूनियर शतरंज चैंपियन के रूप में, रीव्स के सामने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ राजकोषीय जिम्मेदारी के लिए लेबर पार्टी की हाल ही में स्थापित प्रतिष्ठा को बनाए रखने की बड़ी चुनौती होगी.