Indian Envoy Met 8 Former Navy Officers: कतर पूर्व भारतीय नौसैनिकों को दी गई मौत की सजा के मामले में नरम पड़ता दिखाई दे रहा है. उसने पूर्व भारतीय नौसैनिकों से मिलने के लिए भारत को दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस दी है.
3 दिसंबर को कतर में भारतीय राजदूत ने नेवी के पूर्व अफसरों से मुलाकात की थी. दूसरी कॉन्सुलर एक्सेस तब मिली जब भारत के प्रधानमंत्री दुबई में कतर के शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से मुलाकात कर रहे थे.
इस दूसरी कॉन्सुलर एक्सेस को पीएम मोदी और कतर के शासक की मुलाकात का असर माना जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कतर में मौजूद भारतीय राजदूत ने रविवार को नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों से मुलाकात की है.
मौत की सजा पर बागची ने कहा कि अब तक इस मामले से जुड़ी दो सुनवाई 23 नवंबर और 30 नवंबर को हो चुकी है. हम मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.
हम सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता मुहैया करा रहे हैं. यह एक संवेदनशील मामला है. हम इसमें जो भी कर सकते हैं वह करेंगे.
कतर की जेलों में बंद पूर्व नौसैनिकों और एक नाविक को वहां की एक अदालत ने अक्टूबर माह में मौत की सजा सुनाई थी. यह लोग अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज के कर्मचारी थे.
यह एक निजी कंपनी है जो कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और सैन्य सेवाएं प्रदान करती थी. इन लोगों को पिछले साल अज्ञात आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया.
कई रिपोर्ट में उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया है लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के शासक शेख अल थानी से दुबई में कॉप-28 समिट के दौरान मुलाकात की थी.
दोनों के बीच काफी समय तक द्विपक्षीय वार्ता हुई. अपनी मुलाकात की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी थी.
इस दौरान उन्होंने लिखा कि उन्होंने कतर के महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की. इस दौरान कतर में रह रहे भारतीय समुदायों का उनसे हालचाल जाना.